'मुझे फंसाने के लिए गवाहों को मारा पीटा जाता था', समीर वानखेड़े ने NCB के DDG ज्ञानेश्वर सिंह पर लगाए गंभीर आरोप
Aryan Khan Case: कमीशन ने एनसीबी को उनकी एसआईटी द्वारा सबमिट किए रिपोर्ट की कॉपी और संबंधित दस्तावेज कमीशन को 15 दिन के भीतर जमा करने के लिए कहा है.
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Aryan Khan Drugs Case: मुंबई (Mumbai) एनसीबी (NCB) इकाई के पूर्व चीफ समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ने नारकोटिक्स ब्यूरो के कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने विजिलेंस टीम के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह (Gyaneshwar Singh) पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. समीर वानखेड़े ने इसी साल के फ़रवरी महीने में नेशनल कमीशन ऑफ शेड्यूल कास्ट (NCSC) को ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ शिकायत दी, जिसमें उन्हें और उनके परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया. वानखेड़े ने अपनी शिकायत में कहा की इनके ख़िलाफ़ सबूत जमा करने के लिये गवाहों को मारा पीटा जाता था और उनके खिलाफ बयान देने के लिए फोर्स किया जाता था.
अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए जांच करने की तैयारी कर ली है. कमीशन ने एनसीबी को उनकी विशेष जांच दल (SIT) द्वारा सबमिट किए रिपोर्ट की कॉपी और संबंधित दस्तावेज कमीशन को 15 दिन के भीतर जमा करने के लिए कहा है. आयोग ने मंगलवार (17 अक्टूबर) को एक बयान में कहा कि वह ज्ञानेश्वर सिंह द्वारा किए गए कथित उत्पीड़न और अत्याचारों की जांच करेगा और निर्देश दिया कि इस मामले में तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी जब तक कि शिकायत पैनल के समक्ष लंबित नहीं है.
एनसीबी ने जांच में पाई खामियां
पिछले अक्टूबर में मुंबई में एक क्रूज जहाज से कथित नशीली दवाओं की जब्ती की जांच में कई खामियां पाए जाने के बाद एनसीबी ने सतर्कता जांच शुरू की थी. बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें इस मामले में 'क्लीन चिट' दे दी गई थी. जब गोवा जाने वाले जहाज पर छापेमारी की गई तब वानखेड़े एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर थे.
आयोग ने क्या कहा?
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) को वानखेड़े से एक शिकायत या सूचना मिली है और आयोग ने संविधान के तहत उसे मिली शक्तियों के अनुसार मामले की जांच करने का फैसला किया है. समीर वानखेड़े, जिन्हें मई में चेन्नई में डीजी करदाता सेवा निदेशालय में ट्रांसफर कर दिया गया था, ने भी एनसीएससी के अध्यक्ष से मुलाकात की और उनके मामले पर विस्तार से चर्चा की.
बयान में कहा गया है कि याचिकाकर्ता (जो अनुसूचित जाति से संबंधित है) के साथ भेदभाव और उत्पीड़न प्रतीत होता है. इसलिए, एनसीएससी चाहता है कि इस मामले में आयोग में मामला लंबित होने तक आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाए. आयोग ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टेक्सास एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) को एनसीबी की स्पेशल इंक्वायरी टीम (एसईटी) द्वारा जमा किए गए मूल दस्तावेजों को पैनल द्वारा जांच के लिए सौंपने को कहा है.
जबरन वसूली का नहीं मिला कोई सबूत
एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि एनसीबी जांच में ड्रग्स-ऑन-क्रूज मामले की जांच में कई अनियमितताएं सामने आई हैं, लेकिन जबरन वसूली का कोई सबूत नहीं मिला है. मामले की जांच कर रहे एनसीबी के विशेष जांच दल ने कुछ सप्ताह पहले अपनी सतर्कता रिपोर्ट सौंपी थी. इसने एनसीबी के सात से आठ अधिकारियों के "संदिग्ध व्यवहार" की ओर इशारा किया गया है. अधिकारी ने कहा था कि ड्रग्स-ऑन-क्रूज मामले की जांच में शामिल अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठाए गए थे और कुछ लोगों ने कई बार अपने बयान बदले थे. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जिन्हें उस समय एनसीबी में तैनात थे.
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