Aryan Khan Drugs Case: क्रूज ड्रग्स मामले के मुख्य गवाह केपी गोसावी के प्राइवेट बॉडीगार्ड ने एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गोसावी के प्राइवेट बॉडीगार्ड प्रभाकर सईल ने एक एफिडेविट के जरिए आरोप लगाया है. सादे कागज को पंचनामा बताते हुए उनके हस्ताक्षर कराए गए. बता दें कि केपी गोसावी क्रूज ड्रग्स मामले में 9 गवाहों में से एक है. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी केपी गोसावी के क्रूज ड्रग्स पार्टी में बतौर गवाह शामिल होने को लेकर सवाल खड़े किए थे. केपी गोसावी वही शख्स है, जिनकी आर्यन खान के साथ ली हुई सेल्फी वायरल हुई थी.


प्रभाकर सईल के आरोप


प्रभाकर ने अपने एफिडेविट के जरिए दावा किया है कि जिस रात क्रूज पर एनसीबी ने छापेमारी की उस वक्त वह केपी गोसावी के साथ था. प्रभाकर ने खुलासा करते हुए दावा किया है कि क्रूज पर जब्ती की कार्रवाई को लेकर उसके पास कोई जानकारी नहीं है. इतना ही नहीं पैसे के लेनदेन के संबंध में भी चौंकाने वाली बातें प्रभाकर ने अपने हलफनामे में की है. प्रभाकर ने बताया कि सैम डिसूजा नाम के शख्स को केपी गोसावी के साथ पहली बार एनसीबी दफ्तर के नीचे देखा. क्रूज पर छापेमारी के दौरान कुछ वीडियो भी शूट करने का दावा प्रभाकर ने किया है, जिसमें से एक वीडियो में केपी गोसावी आर्यन खान की किसी से फोन पर बात करा रहे हैं. 


प्रभाकर ने आरोप लगाया कि केपी गोसावी और सैम डिसूजा को 25 करोड़ रुपये की बात करते हुए उन्होंने सुना है. 18 करोड़ पर बात बनी, ऐसा कहते हुए भी सुना है. प्रभाकर का दावा है कि गोसावी और सैम डिसूजा ने कथित तौर पर 8 करोड़ रुपये एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े को देने की बात कही है. वहीं, प्रभाकर ने यह भी दावा किया है कि केपी गोसावी और सैम डिसूजा की मुलाकात सुपरस्टार शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी से मुंबई के लोअर परेल इलाके में नीली कलर की मर्सिडीज कार में हुई है, जहां इन तीनों के बीच मुलाकात भी हुई.


राउत बोले- मामले पर संज्ञान ले महाराष्ट्र


शिवसेना सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल से इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग की है. रावत ने एक वीडियो ट्वीट कर सवाल पूछा है कि गवाह से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने का मामला गंभीर है. राउत ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे भी कह चुके हैं कि ड्रग्स के आरोपों के जरिए महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जो बातें सामने निकल कर आई है, वह कई सवाल खड़े कर रहे हैं, लिहाजा मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है.


प्रभाकर 22 दिनों से कहां थे गायब?


बीजेपी विधायक और प्रवक्ता राम कदम ने प्रभाकर के किए खुलासे के बाद सवाल पूछा है कि 22 दिनों बाद यह बयान क्यों सामने आया है? जो भाषा पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार कर रहे हैं और मंत्री नवाब मलिक समीर वानखेड़े और उनकी अधिकारियों को 48 घंटे पहले जेल भेजने का दावा कर रहे हैं उसके बाद प्रभाकर की ओर से इस तरह का खुलासा कई सवाल खड़े करता है. सवाल यह है कि क्या प्रभाकर पर कोई दबाव बनाया जा रहा है. ड्रग्स के माफियाओं को बचाने की कोशिश महाराष्ट्र सरकार में बैठे लोग क्यों कर रहे हैं, इसका जवाब जनता को देना होगा.


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