देश में कोविड-19 के मामलों में तेज बढ़ोतरी के बीच कोरोना वायरस महामारी पर गठित राष्ट्रीय टास्क की तरफ से रविवार को रिपोर्ट में बड़ी बात कही गई है. टास्क फोर्स के कई सदस्यों ने वायरस के ट्रांसमिशन के चेन को तोड़ने के लिए राष्ट्रीय लॉकडाउन की सिफारिश की है. सदस्य हाल के कोरोना वायरस मामलों में अप्रत्याशित उछाल पर चर्चा कर रहे हैं. विवेचना के क्रम में टास्क फोर्स के कुछ सदस्यों ने संकेत दिया कि डबल म्यूटेंट ने तमाम स्वास्थ्य सेवा के ढांचे को खतरा पैदा कर दिया है, जो ज्यादा संक्रामक और संभवत: घातक भी है. उसने केस लोड का बोझ बढ़ाकर सरासर बोझ को बढ़ा दिया है. टास्क फोर्स में एम्स और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् समेत देश के अग्रणी स्वास्थ्य संस्थानों के सदस्य शामिल हैं. 


ट्रांसमिशन के चेन को तोड़ने के लिए क्या राष्ट्रीय लॉकडाउन है जरूरी?


रविवार को एक अखबार ने रिपोर्ट दी कि राष्ट्रीय लॉकडाउन का विचार-विमर्श और सुझाव महत्वपूर्ण हो गया क्योंकि टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉक्टर वीके पॉल सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट करते हैं. राष्ट्रीय टास्क फोर्स के तहत पैनल की जिम्मेदारी देश में कोविड-19 प्रबंधन रणनीति की देखभाल करना है. कोविड-19 के मामलों में बेतहाशा वृद्धि के कारण राष्ट्रीय लॉकडाउन की मांग तेज हो गई है. बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल को अपने राष्ट्रीय संबोधन में लॉकडाउन को कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए 'आखिरी विकल्प' बता चुके हैं.    


कोरोना वायरस महामारी पर गठित राष्ट्रीय टास्क के सदस्य समर्थन में 


चीजों को परिप्रेक्ष्य में समझने के लिए जरूरी है कि पिछले साल के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए. पहली लहर के दौरान सितंबर में कोविड-19 के मामले एक दिन में सबसे ज्यादा 97 हजार दर्ज किए गए थे. कल दूसरी लहर के दौरान भारत का रोजाना दर्ज होनेवाला मामला 4 लाख को छू गया. एक दिन में किसी भी देश में दर्ज होनेवाले ममलों में से पहली बार  भयानक वृद्धि देखने को मिली. रोजाना के मौत के आंकड़े में उछाल दर्ज किया जा रहा है. भारत में पिछले 24 घंटे के दौरान करीब 35 सौ ज्यादा मौत के मामले सामने आए.


रिपोर्ट में एक सदस्य के हवाले से कहा गया, "कोविड-19 टास्क फोर्स इसको आक्रामक तरीके से पिछले कुछ हफ्तों से कहने की कोशिश कर रहा है. हमें उच्च पायदान पर बैठे हुए लोगों को बताना चाहिए कि हमारे पास लॉकडाउन चाहिए. टुकड़ों में हम कई राज्यों में जो कुछ अब कर रहे हैं, उसके मुकाबले राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन की जरूरत है क्योंकि सीधी बात है कि ये हर जगह फैल रहा है." दूसरे सदस्य ने कहा कि लॉकडाउन ही मात्र स्वीकार्य वैज्ञानिक टूल है और उसी के माध्यम से स्थिति को काबू किया जा सकता है और वायरस के फैलाव को रोका जा सकता है. 


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