Internet: 5जी सेवा अब एक अक्टूबर से भारत में उपलब्ध हो जाएगी, सरकार को 71 फ़ीसदी स्पेक्ट्रम के लिए रेकॉर्ड डेढ़ लाख करोड़ रुपये मिले हैं, नीलामी की दौड़ में चार कंपनियां शामिल रहीं, जैसी कि उम्मीद थी, मुकेश अंबानी की रिलायंस जिओ सबसे बड़ी खरीदार बनी, कंपनी ने 88 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा के स्पेक्ट्रम खरीदे हैं, दूसरे नंबर पर है सुनील मित्तल की एयरटेल, कंपनी ने 43 हज़ार करोड़ से अधिक खर्च किए, वोडाफोन ने 18 हज़ार 799 करोड़ रुपये लगाए, गौतम अडानी की अडानी डेटा नेटवर्क ने 212 करोड़ रुपये खर्चे, हालांकि कंपनी ने साफ़ किया है कि वह इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल औद्योगिक इस्तेमाल के लिए करेगी, कंज्यूमर्स के लिए नहीं.


गौरतलब है कि भारत में दूरसंचार कंपनियां लंबे समय से लोगों को 4G इंटरनेट (4th Generation Mobile Network) की सुविधा मुहैया करवा रही हैं. जिससे लोगों को वाई-फाई के अलावा मोबाइल नेटवर्क से भी तेज गति से इंटरनेट स्पीड मिल रही है, लेकिन 5G सेवाओं के शुरू होने से भारत के इंटरनेट क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी. ऐसे में 5G नेटवर्क आने से भारत में किस तरह से फायदा होगा यह जानना जरूरी है. हम यह भी जानते हैं कि 5G अगली जेनरेशन की छलांग है, तो आईए हम जानते हैं 5G सेवाओं के बारे में.

'संवाद' करने के तरीके को बदलेगा 5G


इसमें कोई संदेह नहीं है कि 5G कनेक्टिविटी लोगों के 'संवाद' करने के तरीके को बदल देगी. अगली पीढ़ी की यह तकनीक तेज स्पीड और कम समय में इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी, वहीं इससे पहले सिर्फ ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड पर ही ऐसी स्पीड मिलती थी जो अन्य दूसरे उपकरणों को भी तेज स्पीड से कनेक्टिविटी मुहैया करती थी.


वहीं अमेरिका जैसे विकसित देशों में 5G इंटरनेट की शुरुआत काफी खराब रही है, क्योंकि नेटवर्क कैरियर्स को पुरानी 4G/LTE तकनीकों के साथ एयरवेव्स साझा करने के लिए मजबूर किया गया था. क्या भारत में 5G रोलआउट का भी यही हश्र होगा? यह जानना जरूरी है.


योजना से जुड़ेगें 13 शहर

5G नेटवर्क की आसान और सुचारु तैनाती के लिए छोटे सेल, बिजली के खंभे, स्ट्रीट फर्नीचर तक पहुंच आदि का प्रावधान है. सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा और पहले चरण के दौरान 13 शहरों को 5G इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी. इसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं.

रेट में नहीं होगी ज्यादा बढ़ोतरी


3जी और 4जी की तरह, दूरसंचार कंपनियां भी जल्द ही समर्पित 5G टैरिफ योजनाओं की घोषणा करेंगी और उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, उपभोक्ता अपने उपकरणों पर 5G सेवाओं का उपयोग करने के लिए अधिक भुगतान कर सकते हैं.


नोमुरा ग्लोबल मार्केट्स रिसर्च की एक हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के पास दो विकल्प होंगे या तो उनके समग्र ग्राहक आधार पर मामूली 4 प्रतिशत वृद्धिशील टैरिफ वृद्धि या प्रति दिन 1.5 जीबी प्रति दिन 4जी योजनाओं से 30 प्रतिशत प्रीमियम की वृद्धि की जाए. एयरटेल के सीटीओ रणदीप सेखों ने हाल ही में रिपोर्ट में कहा था कि वैश्विक स्तर पर, 5G और 4G टैरिफ के बीच कोई बड़ा अंतर नहीं है.


भारत में 5G की वर्तमान स्थिति


वहीं हाल ही में, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. जुलाई 2022 के अंत तक 20 साल की वैधता के लिए कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की गई.

5जी से भारत को कैसे होगा फायदा?


5G भारत में नई संभावनाओं को लेकर आएगा, जो देश में उपयोगकर्ताओं को ज्यादा लाभान्वित कर सकता है. वहीं इसके आने से हाई-स्पीड सर्फिंग और बेहतर कनेक्टिविटी के अलावा, नई तकनीक स्वास्थ्य सेवा और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाओं की पहुंच को तेजी से आगे बढ़ाएगा.


इसके साथ ही देश में बेरोजगारी या बेरोजगार लोगों के लिए नए दरवाजे खोलेगा. इतना ही नहीं, 5G के आने के साथ, हम मौजूदा टायर थ्री शहरों को स्मार्ट सिटी में बदलते हुए देख पाएंगे. यह लोगों और व्यवसायों को तेजी से विकसित होने में भी सहायता करेगा.


वहीं निकट भविष्य में, 5G उन्नत डिजिटल अर्थव्यवस्था की बदौलत नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक लाभ का भी फायदा मिलेगा. तो आइए समझते हैं कि 5G भारत में और क्या फायदे लाएगा.

5G आने से स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत को लाभ


5G नेटवर्क चिकित्सा क्षेत्र में दूर-दराज के इलाकों में उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं को फैलाने में मदद करेगा. वहीं डॉक्टर अपने स्थान से ही रोगियों से सीधा जुड़ सकेंगे, साथ ही डॉक्टर सर्जनों को दूरस्थ सर्जरी करने में भी सक्षम बनाएंगे. इसके अलावा, स्मार्ट चिकित्सा उपकरण जैसे कि वियरेबल्स इमरजेंसी की स्थिति में रोगियों को जल्दी सलाह दे सकेंगे.

IoT सेक्टर के लिए 5G लाभ


5G की नई तकनीक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) को भी अपग्रेड करेगी. उन्नत 5G राउटर से एक घर में स्मार्ट डिवाइसेज और अन्य दूसरे उपकरणों का नेटवर्क काफी मजबूत हो जाएगा. यह रिमोट मॉनिटरिंग, स्मार्ट एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और टेलीहेल्थ जैसे क्षेत्रों में भी बहुत मददगार साबित हो सकता है. वहीं स्मार्ट आरएफआईडी सेंसर और जीपीएस की मदद से किसान पशुओं को भी ट्रैक कर सकते हैं.

5 जी को चालू करने में दिक्कतें


जहां 5G नेटवर्क कनेक्टिविटी में आने वाली रुकावटों को कम करेगा, वहीं इसके नेटवर्क को लेकर भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा उपभोक्ताओं को 4G से 5G में शिफ्ट करना महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि यह अंदेशा है कि 5G की कीमतें ज्यादा हो सकती हैं. दरअसल, देश में पहले ही 4G इंटरनेट सेवाएं महंगी हो चुकी हैं. हालांकि 5G इंटरनेट रिचार्ज की क्या किमतें होंगी ये तो इसके लॉन्च के बाद ही पता चलेगा.

यह बात किसी से छिपी नहीं है कि भारत ने 5G की इस नई तकनीक को अपनाने में पहले ही देर कर दी है, जिसका मतलब है कि 5G सेवा से होने वाली कमाई अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पाएगी. इसके अलावा, 5G नेटवर्क देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में जो डिजिटल दूरी है उसको नहीं पाट पाएगी.

5G लॉन्च करने से पहले करने होंगे ये काम


देश में पहले से ही मौजूदा सभी नेटवर्क में कहीं न कहीं लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कॉल ड्रॉप्स और इंटरनेट की धीमी से स्पीड से लोग परेशान हैं. आज भी कहीं-कहीं 4G नेटवर्क उस स्पीड से नहीं चलता जिसका वादा दूरसंचार कंपनियां करती हैं. इसलिए कंपनियों से सबसे पहले इसमें सुधार करने की जरूरत है. यह बात समय-समय पर होती रहती है कि भारत में 5G इंटरनेट सेवाओं को शुरु करने से पहले मौजूदा 4G नेटवर्क को ठीक करना बेहद जरुरी है. इसलिए, भारत में अगर 5G नेटवर्क को फैलाना संभव बनाना है तो दूरसंचार कंपनियों को टेक्नोलॉजी को उपभोक्ताओं और नेटवर्क वाहकों के लिए वित्तीय रूप से सरल बनाना होगा.


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