राम मंदिर: ममता ने दिया आपसी भाई-चारे का संदेश, राज्यपाल ने कहा- तुष्टिकरण की नीति के कारण चुप हैं सीएम
कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार आसानी से लॉकडाउन की तारीख बदल सकती थी, लेकिन उसने बीजेपी के साथ राजनीति करने की सोची.
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी और वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सम्प्रदायों के बीच विविधता में एकता की पुरातन परंपरा को बनाए रखने की अपील की. उन्होंने ट्वीट में लिखा, "हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई! मेरा भारत महान, महान हमारा हिंदुस्तान. हमारे देश को विविधता में एकता की सदियों पुरानी विरासत को सदैव बरकरार रखना चाहिए और हमें अंतिम सांस तक इसकी रक्षा करनी है."
इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राजभवन में दीये जलाकर राम मंदिर की आधारशीला रखे जाने की खुशी मनाई. धनखड़ ने साथ ही इस बात को लेकर आश्चर्य भी जताया कि क्या मुख्यमंत्री बनर्जी अपनी तुष्टिकरण की नीति के कारण 'चुप' हैं.
ममता पर हिन्दू भावनाओं का तिरस्कार करने का आरोप पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह अयोध्या में भूमि पूजन के दिन लॉकडाउन लगाकर 'हिन्दू भावनाओं का तिरस्कार कर रही है.' घोष ने कहा, "हमें लॉकडाउन की तिथि में बदलाव का अनुरोध किया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बंगाल में भगवान राम के श्रद्धालु बेहद साधारण तरीके से खुशियां मनाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के हिन्दुओं की भावनाओं का तिरस्कार किया है. तृणमूल आने वाले दिनों में इसकी बड़ी कीमत चुकाएगी."
उन्होंने बनर्जी से सवाल किया कि वह स्पष्ट करें कि मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं या नहीं. उन्होंने कहा, "पिछले साल राम मंदिर पर आए फैसले के बाद वह चुप रही थीं. इस बार भी, वह स्पष्ट नहीं कह रही हैं कि वह मंदिर निर्माण का समर्थन करती हैं या नहीं."
कांग्रेस ने भी ममता को घेरा कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार आसानी से लॉकडाउन की तारीख बदल सकती थी, लेकिन उसने बीजेपी के साथ राजनीति करने की सोची. उन्होंने कहा, "भगवा पार्टी भूमि पूजन के नाम पर जो कुछ भी कर रही है, वह भी स्वीकार्य नहीं है. बीजेपी के पास भगवान राम का कॉपीराइट नहीं है." हालांकि माकपा ने इस मामले में टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया था, "वह शाम साढ़े छह बजे राजभवन में इस ऐतिहासिक दिन पर दीप जालाएंगे. राम मंदिर का भूमि पूजन सभी भारतीयों के लिए गर्व और सम्मान की बात है. ऐतिहासिक न्यायिक फैसले के कारण इंतजार खत्म हुआ." उन्होंने राजभवन में शाम को अपनी पत्नी के साथ मिलकर घी के दिये जलाए.
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