Junaid-Nasir Murder: हरियाणा में जुनैद और नासिर की हत्या को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. अब इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर हमला किया है. ओवैसी ने कहा कि ये हकीकत है. विक्टिम के परिवारवालों ने कंप्लेन की है. उन्होंने आरोप लगाया कि किडनैपर मोनू हरियाणा की बीजेपी सरकार का चहेता है.


उन्होंने कहा, "बीजेपी सरकार उसको प्रोटेक्शन देती है. ये माफिया की तरह गैंग चलाता है. फेसबुक पर वारिस की मौत को लाइव किया गया. इसी शख्स ने मोईन को भी गोली मारी है. ओवैसी ने सवाल किया कि आरोपी को हरियाणा सरकार अरेस्ट क्यों नहीं कराती है?


राजस्थान सरकार पर भी बरसे ओवैसी


ओवैसी ने कहा, "मुझे उम्मीद है इन्साफ नहीं मिलेगा." ओवैसी ने इस दौरान राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "जुनैद और नासिर को राजस्थान से किडनैप किया गया. उन्हें राजस्थान से हरियाणा लाकर जिंदा जलाकर मार दिया गया. राजस्थान सरकार ने इमीडियेट एक्शन क्यों नहीं लिया. अशोक गहलोत की पुलिस ने वक्त पर कार्रवाई नहीं की और अब तक मुजरिमों को गिरफ्तार नहीं किया. मुजरिम जाने-माने गोरक्षक हैं. जुनैद और नसीर के परिवारों के साथ इंसाफ होना चाहिए."


कौन हैं वारिस और मोईन?


ओवैसी ने जुनैद और नसीर हत्याकांड के मामले में बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए वारिस और मोईन के मामले को फिर से जिंदा कर दिया. दरअसल, जुनैद-नासिर हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर पर जुनैद की हत्या करने और मोईन पर गोली चलाने का केस दर्ज है. इस घटना से पहले मोनू मानेसर ने अपने साथियों संग गौ तस्करी के संदेह में एक 22 वर्षीय युवक (वारिस) को बुरी तरह से मारा-पीटा था. अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. पुलिस पर इस मामले को दबाने का भी आरोप है. 


राजस्थान पुलिस अब हरकत में आई 


वहीं, जुनैद-नासिर हत्याकांड मामले पर राजस्थान के भरतपुर रेंज के आईजी गौरव श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "भरतपुर के गोपालगढ़ थाने में दो लोगों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. उनके मोबाइल फोन बंद थे. हमने उनकी तलाश शुरू की तो बताया गया कि वे एक बोलेरो कार में सवार थे और उनका अपहरण कर लिया गया है." उन्होंने बताया, "पीड़ित परिवार द्वारा दर्ज FIR में नामजद लोगों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया."


इस कांड में अब तक क्या हुआ?


भिवानी के लोहारू में गुरुवार (16 फरवरी) की सुबह एक लावारिस बोलेरो जली हालत में मिली थी. गाड़ी की पिछली सीट पर दो लाशें भी बुरी तरह झुलस चुकी थीं. पुलिस की तफ्तीश में शवों की पहचान भरतपुर के घाटकीमा गांव के युवकों के रूप में हुई. भिवानी के डीएसपी ने बताया कि FSL और दूसरी टीमों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की है. इस बात की संभावना है कि या तो गाड़ी में आग लगने या जिंदा जलाने की वजह से दोनों की मौत हुई है.


आरोपी ने किया घटना से इनकार


आरोपी मोनू मानेसर ने खुद को निर्दोष बताया है. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में मोनू मानेसर ने कहा, "मैं भाग नही रहा और न ही छुप रहा हूं. मैं गौरक्षा से जुड़ा हूं, इसलिए मुझे फंसाया जा रहा है. मैं दोनों मरने वालों को नही जानता. इससे पहले एक वीडियो जारी करके उसने कहा, "जो आरोप हम पर लगाए गए हैं वो पूरी तरह निराधार हैं. जहां घटना हुई है, वहां पर बजरंग दल की कोई टीम नहीं गई थी."


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