AIMIM Chief Asaduddin Owaisi Question UP: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने यूपी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्षता की जो बात है ये उसका उल्लंघन है. दरअसल एआईएमआईएम चीफ का ये बयान यूपी सरकार के रामनवमी मनाने के लिए राज्य के हर जिले को फंड देने के फैसले के बाद आया है.


उन्होंने इस फैसले पर खासा एतराज जताते हुए बीजेपी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने ये भी कहा कि टैक्स के रुपयों का इस्तेमाल किसी खास धर्म के प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है. 


'मदरसों के अध्यापकों को पैसे नहीं दिए हैं'


ओवैसी ने ट्वीट कर यूपी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, "भारत का संविधान कहता है कि आप टैक्स के रुपयों को किसी विशेष धर्म का प्रचार करने के लिए नहीं कर सकते. आपने पिछले 5 साल से मदरसों के अध्यापकों को पैसे नहीं दिए हैं. यह बीजेपी का दोहरा मापदंड है" एआईएमआईएम चीफ ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार के हर जिले को रामनवमी मनाने के लिए एक लाख रुपए देने के फैसले पर सवालिया निशान लगाए हैं.






उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 27 कहता है कि टैक्स के पैसे का इस्तेमाल किसी विशेष धर्म के प्रचार या रखरखाव के लिए नहीं किया जा सकता है. बीजेपी यूपी के मदरसा शिक्षकों को पिछले 5 साल से पैसा नहीं दे रही है, और यह समान नागरिक संहिता की बात करती है.






शक्तिपीठों में अखंड रामायण 


नवरात्रि से पहले यूपी सरकार के संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव ने 10 मार्च को एक आदेश जारी किया था. इस आदेश में उन्होंने चैत्र नवरात्र के खास महत्व को देखते हुए सभी डीएम और कमिश्नरों को मंदिरों और शक्तिपीठों में दुर्गासप्तशती, देवी जागरण सहित 29 और 30 मार्च को शक्तिपीठों में अखंड रामायण का पाठ कराने को कहा. इसके लिए सीएम योगी आदित्य नाथ (Yogi  Adityanath) सरकार की तरफ से हर जिले को एक लाख रुपये की रकम मुहैया कराई गई


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