Asaduddin Owaisi Remark on Bharat Ratna: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को दिए जाने वाले देश के सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' के सरकार के फैसले की रविवार (4 फरवरी) को निंदा की. ओवैसी ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार का यह 'गलत फैसला' है.
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा कि एलके आडवाणी की ओर से सोमनाथ से 'रथ यात्रा' की शुरुआत की गई थी जोकि देश के अलग-अगल राज्यों से होकर गुजरी थी. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि बाबरी मस्जिद को तोड़ने के लिए निकाली गई यह 'रथ यात्रा' जहां-जहां गई थी, उन सभी जगहों पर कथित तौर पर दंगे हुए थे और अलग-अलग जगहों पर हुए कथित दंगों में काफी लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान ओवैसी ने रथ यात्रा के दौरान हुए कथित दंगों में मौतों की संख्या से जुड़े कथित आंकड़ों का भी जिक्र किया.
एआईएमआईएम चीफ ने सोशल मीडिया पर शेयर की वीडियो
ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर एक वीडियो भी पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ''नरेंद्र मोदी सरकार ऐसे शख्स को भारत रत्न (Bharat Ratna) से नवाज रही है जिसकी वजह से फसादात हुए, बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) की शहादत हुई, उनके गृह मंत्री (Home Minister) रहते हुए गुजरात (Gujarat) में 2002 में दंगे हुए. आडवाणी को भारत रत्न मिलना ये अवार्ड की तौहीन है, ये एक गलत फैसला है.''
'भारत विभाजन के जिम्मेदार जिन्ना की थी आडवाणी ने तारीफ'
ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि लाल कृष्ण आडवाणी ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार मोहम्मद अली जिन्ना की कब्र पर जाकर उनकी प्रशंसा की थी. उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह की एक किताब का भी जिक्र किया और दावा किया कि उसमें आडवाणी की पाकिस्तान यात्रा के समय जिन्ना की तारीफ करने के वाक्या को शामिल किया गया था. इस किताब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
मोदी सरकार में 'भारत रत्न' पुरस्कार का अपमान
उन्होंने 'भारत रत्न' की गरिमा की बात करते हुए यह भी कहा कि इससे पहले बहुत बड़े-बड़े लोगों को यह सम्मान दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 'भारत रत्न' की गरिमा में कमी आ रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ''जो पुरस्कार दिया गया, हमें लगता है कि यह पुरस्कार का अपमान है.''
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