दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा का मामला अब बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. दिल्ली से बाहर के राजनीतिक दल और नेता भी इसमें कूदते नजर आ रहे हैं. अब एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ये प्रतिक्रिया उस फैसले पर दी है जिसमें एमसीडी ने इस इलाके में बने अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाने का फैसला किया है. ओवैसी ने इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार सहित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर निशाना साधा है.
अवैध निर्माण पर बुलडोजर की वजह से तैनात हुए अतिरिक्त पुलिसकर्मी
वहीं बुधवार सुबह से ही दिल्ली पुलिस ने पूरे इलाके में फ्लैग मार्च शुरू कर दिया. इलाके में आज से ही अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा. एमसीडी ने दिल्ली पुलिस से मंगलवार को 400 जवानों की मांग की थी. एमसीडी का कहना था कि अवैध निर्माण गिराने के दौरान तनाव हो सकता है, इसलिए पुलिस की जरूरत है. दिल्ली पुलिस ने यहां अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं. इन पुलिसकर्मियों ने सुबह से ही मोर्चा संभाल लिया. वहीं एमसीडी की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही अवैध निर्माणों में रहने वाले लोगों ने अपने-अपने सामान बाहर निकालने शुरू कर दिए.
क्या कहा ओवैसी ने
ओवैसी ने इस फैसले को 'बीजेपी का गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान बताया है'. साथ ही इस फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजेरीवाल की भूमिका को संदिग्ध बताया है. असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा है, "बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. बीजेपी अतिक्रमण के नाम पर यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी घरों को तबाह करने जा रही है. कोई नोटिस नहीं, अदालत जाने का मौका नहीं. बस गरीब मुसलमानों को जिंदा रहने की सजा देना है. अरविंद केजरीवाल को अपनी संदिग्ध भूमिका को स्पष्ट करना चाहिए. क्या उनकी सरकार का पीडब्ल्यूडी इस 'विध्वंस अभियान' का हिस्सा है? क्या जहांगीरपुरी के लोगों ने उन्हें इस तरह के विश्वासघात और कायरता के लिए ही उन्हें वोट दिया था? उनका बार-बार बचना और ये कहना कि 'पुलिस हमारे नियंत्रण में नहीं है' यहां काम नहीं करेगा. अपने ट्वीट के अंत में असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, निराशाजनक स्थिति."
क्या है एमसीडी का फैसला
बता दें कि एमसीडी ने जहांगीरपुरी में बने अवैध मकानों को तोड़ने का फैसला किया है. इस संबंध में उसने दिल्ली पुलिस से करीब 400 पुलिसकर्मी मांगे हैं. एमसीडी अवैध मकानों को गिराने की कार्ऱवाई 20 या 21 अप्रैल को करना चाहती है. एमसीडी में बीजेपी का कब्जा है.
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