Asaduddin Owaisi Attack On Himanta Biswa Sarma: असम में बीजेपी सरकार अब मदरसों पर और ज्यादा सख्ती बरतने जा रही है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के मदरसों में पढ़ाने वाले बाहरी टीचरों की पुलिस जांच कराने के संकेत दिए हैं. इससे राजनीति में काफी उबाल आ गया है. असम सरकार के इस फैसले की अभी से आलोचना शुरू हो गई है. हैदराबाद से लोकसभा सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर जमकर हमला बोला है. 


ओवैसी ने असम सरकार के इस कदम को मौलिक अधिकारों का हनन बताया. असम के मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा, "असम कोई विदेश नहीं है जहां भारतीयों को आपसे अनुमति लेनी पड़े. भारत के किसी भी हिस्से में रहने, रहने और बसने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है."


RSS को लेकर उठाए सवाल


ओवैसी ने इससे जुड़ी एक खबर को ट्वीट करते हुए लिखा, "RSS की ओर से संचालित स्कूलों में शिक्षकों के बारे में क्या? क्या होगा अगर अन्य राज्य असम के लोगों पर इसी समान नियमों को डालना शुरू कर दें?" बता दें कि असम पुलिस ने बीते साल बड़ी संख्या में उग्रवादियों को पकड़ा था. इनमें से कई बांग्लादेशी भी थे, जो कि स्थानीय मदरसों में पढ़ाने का काम करते थे. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद ही मुख्यमंत्री ने अब बाहरी टीचरों की पुलिस चांज कराने के संकेत दिए है. 


 






सीएम सरमा ने क्या कहा था?


असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार (01 जनवरी) को कहा था कि राज्य के मदरसों में पढ़ा रहे बाहरी शिक्षकों को समय-समय पर पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा जा सकता है. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा था, "मदरसों के लिए एक चेकलिस्ट तैयार की गई है. सरकार ने अभी तक हितधारकों के साथ एक समझौता नहीं किया है, लेकिन चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं."


मदरसों के शिक्षकों का बनेगा डेटाबेस


मुख्यमंत्री सरमा की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, असम में लगभग 3,000 पंजीकृत और अपंजीकृत मदरसे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, "असम पुलिस की ओर से मदरसों को पूरा सहयोग किया जा रहा है. राज्य की पुलिस मुसलमानों के साथ मिलकर मदरसों को मॉडर्न बनाने का काम कर रही है." उन्होंने कहा, "जल्द ही मदरसों में भी विज्ञान और गणित के विषयों की पढ़ाई होगी. शिक्षा के अधिकार का सम्मान होगा और शिक्षकों का एक डेटाबेस मेंटेन रखा जाएगा."


ये भी पढ़ें-Haldwani Railway Land Encroachment : रेलवे की जमीन पर रह रहे 4 हजार से ज्यादा परिवार, जानिए 10 मस्जिदों के अलावा और क्या-क्या मौजूद