करौली से खरगांव तक... सात राज्यों में हिंसा को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने साधा हिन्दुवादी संगठनों पर निशाना
मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाओं के बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
Violence On Ram Navami Procession: रामनवमी की जुलूस यात्रा के दौरान रविवार को पश्चिम बंगाल से लेकर महाराष्ट्र और तक जमकर उपद्रव हुआ. इस घटना के दौरान गुजरात में एक शख्स की मौत हो गई. इधर, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हिन्दुवादी संगठनों पर निशाना साधते हुए सात राज्यों का जिक्र किया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि पिछले कुछ दिनों में हिन्दुत्व मॉब पुलिस की शह पर कम से कम इन जगहों पर हुई हिंसा में शामिल रहे हैं.
1-करौली, राजस्थान 2-खम्बाता और हिम्मतनगर (गुजरात) 3-मध्य प्रदेश के खरगांव, 4-कर्नाटक के धरवाड़, गुलबर्ग, रायचूर और कोलार, 5-बिहार के वैशाली और मुजफ्फरपुर, 6- उत्तर प्रदेश के सीतापुर और 7-गोवा के इस्लामपुर शामिल हैं. एआईएमआईएम चीफ ने आगे लिखा है कि धर्म गुरुओं की तरफ से नरसंहार और रेप की बातें कही गई हैं. उन्होंने इसमें 10 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के वक्त हुए हंगामे का भी जिक्र किया है.
रामनवमी जुलूस के दौरान 4 राज्यों में बवाल
रविवार को गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बंगाल में जुलूस के दौरान हंगामा बरपा. इस दौरान कई गाड़ियों पर पथराव किया गया. मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाओं के बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. खरगोन के जिलाधिकारी अनुग्रह पी ने कहा कि पूरे खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया है. एक अधिकारी ने कहा कि खरगोन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिद्धार्थ चौधरी को हिंसा के दौरान गोली लगी है.
रामनवमी के जुलूस पर पथराव और कुछ घरों तथा वाहनों में आगजनी की घटनाओं के बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. उप पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) तिलक सिंह ने सोमवार सुबह पत्रकारों से कहा, ‘‘देर रात दो बजे के बाद से स्थिति नियंत्रण में है और कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस की गश्त जारी है, अब तक 70 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.’’ एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि हालांकि उन्होंने रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन ऐसा सुना है कि एसपी सिद्धार्थ चौधरी के पैर में गोली लगी है और उनका प्राथमिक उपचार किया गया है. डीआईजी ने कहा कि हिंसा में छह पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 24 लोग घायल हुए हैं और उनकी चिकित्सा जांच की गई है. उन्होंने लोगों से घरों में रहने और घटना में शामिल असामाजिक तत्वों को पकड़ने में सहायता करने के लिए कहा है.
आपत्तिजनक वीडियो पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
जिलाधिकारी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और लोगों को केवल आपात चिकित्सा स्थिति में ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी गई है. जिलाधिकारी ने खरगोन की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेश या वीडियो साझा करने पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है. जिला प्रशासन ने ट्वीट कर कहा कि चिकित्सा आपात स्थिति के अलावा किसी भी जरुरी काम के लिए एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय और कोतवाली थाने से अनुमति ली जा सकती है.
एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि खरगोन शहर में सोमवार को होने वाली कक्षा आठवीं के साथ-साथ स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं. रविवार को बड़े पैमाने पर हिंसा होने के कारण अधिकारियों ने शहर के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू और पूरे शहर में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 (चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध) लगा दी थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार पथराव के दौरान पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी सहित कुछ पुलिसकर्मी व अन्य घायल हो गए. इस बीच, जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने अधिकारियों को दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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