योगी सरकार के फैसले पर फिर भड़के ओवैसी, बोले- 'यह है भारतीय मुसलमानों के प्रति...
Kanwar Yatra 2024: कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी ने एक बड़ा बयान दे दिया है.
Kanwar Yatra 2024: योगी सरकार ने कावंड यात्रा को लेकर एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा रूट पर सभी दुकानदारों के नाम लिखना जरूरी होगी. योगी सरकार के इस फैसले से सियासी घमासान मचा हुआ है.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी योगी सरकार के इस फैसले पर लगातार हमला बोल रहे हैं. इसी बीच उन्होंने फिर से UP गवर्नमेंट के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने उठाए सवाल
असदुद्दीन ओवैसी ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर, 'यूपी के कांवर मार्गों पर खौफ, यह भारतीय मुसलमानों के प्रति नफरत की हकीकत है. इस गहरी नफरत का श्रेय राजनीतिक दलों/हिंदुत्व के नेताओं और तथाकथित दिखावटी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को जाता है.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी साधा था निशाना
उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, '2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा संकट में है. वो अपनी सांप्रदायिक राजनीति पर उतर आई है लेकिन वे (भाजपा) भूल चुकें हैं कि देश की जनता ने सांप्रदायिक राजनीति को विफल किया है.'
भाजपा राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने किया था समर्थन
उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, 'निश्चित रूप से यह स्वागत योग्य कदम है और लोगों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द्र बढ़े इस भावना के साथ सरकार ने यह आदेश जारी किया है. इस आदेश में यह नहीं कहा गया है कि किसे कहां से सामान खरीदना है, जो जहां से चाहे वहां से सामान खरीद सकता है. दुकान के नीचे लगभग 40-50% लोग अपने मालिक का नाम लिखते हैं, मैं समझता हूं कि जो संविधान की व्यवस्था है उसमें धार्मिक आस्था का सम्मान और सरंक्षण का जो भाव दिया है उसके अंतर्गत यह एक बेहतर प्रयत्न है, हिंदू और मुसलमान मिलकर चलें, रामलीला में मुसलमान पानी पीलाते हैं तो लोग पीते हैं, ईद में हिंदू लोग उनका स्वागत करते हैं इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जो व्रत, त्योहार, कांवड़ यात्रा के कुछ नियम हैं उनका उल्लंघन न हो. इस नीयत से यह निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है.'