Asaduddin Owaisi On RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के सनातन धर्म पर दिए गए बयान पर सियासत तेज हो गई है. अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत को निशाने पर लिया है. ओवैसी ने कहा, "मोहन भागवत और आरएसएस ने इस देश की आजादी की लड़ाई में कुछ नहीं किया." उन्होंने कहा, "इस्लाम इस मुल्क का अटूट हिस्सा था... है और रहेगा."
ओवैसी ने कहा, "जब देश आजाद हुआ था तो मौलान आजाद को सबसे पहला एजुकेशन मिनिस्टर बनाया गया था. मोहन भागवत और आरएसएस वालों तुम मौलाना आजाद से बड़े नहीं हो." ओवैसी ने कहा कि इस देश पर जितना अधिकार हिंदुओं, दलितों और आदिवासियों का है, उतना ही अधिकार मुसलमानों का भी है.
भारत को आदिवासियों का देश बताया
ओवैसी ने कहा, "यदि ये भारत किसी का है तो आदिवासियों का है." उन्होंने आरएसएस पर मुल्क को बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "ये RSS वाले आर्यन्स सुप्रीमेसी के आदी हैं. ये आज सुप्रीमेसी ऑफ इस्लाम की बात करते हैं." AIMIM चीफ ने कहा, "ये मुल्क आदिवासियों का है, लेकिन इल्जाम मुसलमानों पर लगाते हैं. हमारे मुंह को मत लगो. आप मुसलमानों के बारे में गलत बात कहेंगे."
RSS पर ओवैसी का जमकर हमला
RSS पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा, "क्या मैं मोहन भागवत से सीखूं कि कैसे इस्लाम पर चलूं? मुझे मोहन भागवत या RSS वाले बताएंगे कि दीन में क्या होगा, क्या नहीं? क्या RSS मुसलमानों को बताएगी कि कुरान कहां से पढ़ूं? क्या RSS मुझे बताएगी कि क्या बोलूं और क्या ना बोलूं? तो फिर मेरे आलिम-ए-दीन क्या करेंगे? मुहद्दिस क्या करेंगे, मुफ्ती क्या करेंगे? फिक्त के मसाइल कौन बयां करेगा? हम जानते आप क्या करना चाहते हैं."
भागवत के बयान पर साधा निशाना
ओवैसी ने मोहन भागवत पर हमला करते हुए कहा, "हम दीन को नहीं छोड़ने वाले हैं. हम दीन से जुड़े रहकर भारत की हिफाजत करते रहेंगे. मोहन भागवत ने इंटरव्यू में एक और बात कही, लेकिन किसी टीवी चैनल वाले ने इस बात को नहीं उठाया. मोहन भागवत ने कहा कि एक हजार साल से हिंदू भाई जंग लड़ रहे हैं. अगर मैं ये कह देता कि हम भी इतने सालों से जंग लड़ रहे हैं, तो जिहादी बता देते. वो बोले तो मुंह में लड्डू आ गए."
मोहन भागवत ने क्या कहा था?
बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार (10 जनवरी) को कहा था कि हिन्दू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने और साथ लेकर चलने की प्रवृति है और इस्लाम को देश में कोई खतरा नहीं है, लेकिन उसे ‘हम बड़े हैं’ का भाव छोड़ना पड़ेगा. इस पर ओवैसी ने हमला करते हुए कहा था, ''आरएसएस आर्यन सुप्रीमेसी (वर्चस्व) में विश्वास करती है. हिटलर को भी इसका गुमान था. आरएसएस तो शुरुआत से संविधान को फिर से लिखने की बात करता है. यह कही जाने वाले उच्च जाति का बयान है.''
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