Owaisi On Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने अमेरिका में कहा कि भारत में मुसलमानों की स्थिति, पाकिस्तान में रहने वाले मुसलमानों से बेहतर है. इसको लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उन पर हमला करते हुए कहा है कि विश्वगुरु की वित्तमंत्री के लिए पाकिस्तान बेंचमार्क है. संघ परिवार की संविधान विरोधी विचारधारा के बावजूद भारत में मुसलमान फले-फूले हैं. 


उन्होंने ट्विटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए और कहा, “मुसलमान कब तक पाकिस्तान से जुड़े रहेंगे? हम पाकिस्तान के खिलाफ बंधक या मैस्कॉट्स नहीं हैं. हम नागरिक हैं. हम गरिमा और न्याय के साथ व्यवहार करना चाहते हैं.’


उन्होंने आगे कहा, “अगर हिंदुओं का एक वर्ग बेहतर जीवन स्तर की मांग करता है, तो क्या आप उन्हें चुप रहने के लिए कहेंगे क्योंकि सोमालिया में अधिकांश लोग बदतर स्थिति में हैं?”


‘लोकसभा में एक भी मुसलमान सांसद नहीं’


असदुद्दीन ओवैसी यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, “सत्ता पक्ष का लोकसभा में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है. ये हानिकारक है लेकिन बीजेपी इसे सम्मान के तौर पर देखती है.” अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, “आबादी जनसांख्यिकीय कारकों के आधार पर बढ़ती या घटती है, न कि किसी सरकार के परोपकार या द्वेष पर. हालांकि मान लें कि सरकार की भूमिका है, तो जनगणना के बाद की जनगणना भारत में मुस्लिम आबादी के विकास में गिरावट दर्शाती है. क्या इसका मतलब यह होगा कि सरकार पुरुषवादी है?”






एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा, “जनसंख्या वृद्धि या गिरावट ही अल्पसंख्यकों के इलाज का एकमात्र पैमाना नहीं है. आज के भारत में नरसंहार धर्म संसद को सरकार अनदेखा कर देती है. सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया और लोगों से "हथियार" रखने के लिए कहा.”


‘महाराष्ट्र में मुस्लिम विरोध रैलियां हुईं’


उन्होंने कहा, “सिर्फ एक राज्य महाराष्ट्र में ही 50 मुस्लिम विरोधी नफरत रैलियां हुईं. जब मुसलमान लिंचिंग और हिंसा का सामना करते हैं तो राज्य दूर दिखता है. इसके बजाय, मुसलमानों को सरकार से बुलडोजर और झूठे कारावास का सामना करना पड़ता है.”


ओवैसी ने आगे कहा, “सरकारी आंकड़ों का हर टुकड़ा मुस्लिम शिक्षा की दयनीय स्थिति की ओर इशारा करता है. मुसलमान भयंकर गरीबी के कारण शिक्षा में पीछे हैं. ये एक क्रूर मजाक है कि वित्तमंत्री ने फेलोशिप का उल्लेख किया जब सरकार ने मौलाना आज़ाद फैलोशिप को बंद कर दिया और गरीब अल्पसंख्यकों के लिए प्री और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित कर दिया.”


‘अल्पसंख्यक मामलों के बजट में कटौती’


उन्होंने वित्तमंत्री पर हमला करते हुए आगे कहा, “अल्पसंख्यक मामलों के बजट में 40% की कटौती! कर्नाटक में आपकी पार्टी की सरकार ने हिजाब के विरोध में एक अभियान चलाया है, शिक्षा और रोजगार में गरीब मुसलमानों के आरक्षण को हटा दिया है. मुसलमानों के व्यवसायों को सरकार की नीतियों और भीड़ शासन द्वारा लक्षित किया गया है.”


ओवैसी ने कहा, “वित्त मंत्री का कहना है कि "कानून और व्यवस्था एक राज्य का मुद्दा है" लेकिन जिन राज्यों में मुसलमानों ने सबसे खराब हिंसा और भेदभाव का सामना किया है, वे बीजेपी शासित हैं. गैर-बीजेपी राज्यों में, हिंसा के मुख्य अपराधी संघ परिवार के सभी सहयोगी हैं.”


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