AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश के मौजूदा हालात के लिए प्रधानमंत्री ज़िम्मेदार हैं और कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने में मोदी जी नाकाम रहे हैं.

AIMIM प्रमुख इतने पर ही नहीं रूके. प्रधानमंत्री पर तंज़ करते हुए उन्होंने कहा कि “ताली, थाली और दिया जलाने से कुछ नहीं होगा. मोदी जी से कोई उमीद नहीं रखें. लॉकडाउन पूरी तरह से अनियोजित था. इसे तब लागू किया गया जब संक्रमणों की संख्या सिर्फ़ 500 थी और अब तो ये लाखों में पहुंच चुकी है.” तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में ओवैसी ने लॉकडाउन को असंवैधानिक तक कह डाला.

कोरोना का राजनीतिक रंग

विरोधियों और ख़ासकर बीजेपी और मोदी पर इल्ज़ाम लगाने का कोई भी मौक़ा नहीं छोड़ने वाले हैदराबाद के सांसद ने कहा कि लॉकडाउन में अब छूट दी जारी है जब मज़दूर अपने-अपने राज्यों में पहुंच चुके हैं. सांसद महोदय ने ट्रेनों में 85 मज़दूरों की मौत पर भी सवाल उठाया और इसे राजनीतिक रंग देते हुए सभी का संबंध OBC, SC और ST से बताया.

आपको बता दें कि देश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जब से अनलॉक-1 की शुरुआत हुई है, तब से कोरोना के संक्रमण के फैलाव में और ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है. एक जून से 9 जून तक, इन नौ दिनों में कोरोना के केस करीब 85 हज़ार बढ़ गए हैं.

भारत-चीन विवाद पर निशाना

केन्द्र सरकार को पूरी तरह से कटघड़े में खड़ा करके ओवैसी ने पूछा कि गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय देश को बताए कि भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बात-चीत चल रही है. बीजेपी के बहाने असदुद्दीन ने RSS की चुप्पी पर भी निशाना साधा. ओवैसी ने याद दिलाया कि जब भी पहाड़ों पर बर्फ़ पिघतला है, चीन भारतीय सीमा में दख़ल अंदाज़ी की नाकाम कोशिश पर उतर आता है.

इबादत पर ओवैसी की अपील

अनलॉक – 1 के फेस – 2 में इबादतगाहों को खोले जाने वाले छूट पर भी ओवैसी ने अपनी बात रखी. ओवैसी की अपील है कि 65 साल के ऊपर और 12 साल के कम उम्र के लोग मस्जिदों में आने से बचें. मस्जिदों में शौचालय का इस्तेमाल ना करें और नमाज़ के वज़ू (हाथ-मुंह और पैर धोना) घर से करके आएं. मस्जिदों से कारपेट और चटाई हटाने और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की भी अपील की.