एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगतार सीएए और एनआरसी के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर रहे हैं. अपने ताजा बयान में उन्होंने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहस के लिए चुनौती दी है.
उन्होंने मंगलवार को कहा कि एनपीआर और एनआरसी पर प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं. मैं उन्हें बहस के लिए चुनौती देता हूं. आप (मोदी) राहुल गांधी या ममता बनर्जी के साथ बहस मत कीजिए. आइए दो दाढी वाले एक साथ बैठते हैं और बहस करते हैं. आप एक सवाल का भी जवाब नहीं दे पाएंगे.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ओवैसी ने कहा- भारत छोड़ो का नारा तो बहुत पहले दिया गया था. आज हमें छोड़ो बीजेपी, छोड़ो मोदी और छोड़ो अमित शाह कहना होगा. सीएए भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है और हम संविधान बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
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उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से विधानसभा का खास सत्र बुलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि इस खास सत्र में ये निर्णय लिया जाए कि राज्य में सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि बहुत सारे गरीब और आदीवासी लोगों के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं होंगे और नेशनल हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश में 28 प्रतिशत लोगों के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं हैं.
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ओवैसी ने कहा कि 1992-93 में जो ब्लास्ट मुंबई में हुए थे, उन मामलों में मुसलमानों के साथ न्याय नहीं हुआ है.
उन्होंने साफ कहा कि एनपीआर और एनआरसी एक ही बात है. मैं ये आप लोगों को डराने के लिए नहीं कह रहा हूं बल्कि ये सच्चाई है. ये एनपीआर 2010 जैसी नहीं है. इस बार जब भी एनपीआर होगा, तो इसका मतलब है वो एनआरसी होगा.
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बहस के लिए चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था कि अमित शाह सबको बहस के लिए चुनौती दे रहे हैं लेकिन क्या वे मेरे साथ चर्चा के लिए तैयार हैं.