नई दिल्ली: देश में एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर चल रही बहस के बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है. एबीपी न्यूज़ के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के समय जो एनपीआर होने वाला था वह मौजूदा एनपीआर से अलग था. उन्होंने कहा कि उस समय एनपीआर में सिर्फ रेसिडेन्स देखने की बात थी, लेकिन आज के एनपीआर में सिटिजनशिप देखने की बात हो रही है.


एबीपी न्यूज़ के सवाल कि जब साल 2010 में एनपीआर की जब बात उठी थी तो उस समय असदुद्दीन ओवैसी चुप क्यों थे इस पर उन्होंने कहा कि इन दोनों एनपीआर में फर्क है. उन्होंने कहा कि उस समय जन्मस्थान नहीं पूछा जा रहा था. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार के कई मंत्री कह चुके हैं कि एनपीआर, एनआरसी का पहला स्टेप है.


असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि एनआरसी और एनपीआर के एक ही रूल हैं. उन्होंने कहा कि यही कारण है हम इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ''एनपीआर शुरू होगा तो ये एनआरसी पर खत्म होगा.'' असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि पूरे देश में एनआरसी होगा.'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की बातों में विरोधाभास है.


एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी ने एनआरसी के मुद्दे पर देश से झूठ बोला है.'' उन्होंने कहा कि अगर किसी मसले पर प्रोटेस्ट हो रहा है तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह लोगों का संवैधानिक अधिकार है. एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि सरकार देश को कन्फ्यूज कर रही है.


असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि एनपीआर और एनआरसी के उद्येश्य एक हैं. उन्होंने कहा, ''गृह मंत्रालय के दस्तावेज भी बताते हैं कि एनपीआर, एनआरसी का पहला स्टेप है.''


बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियां लोगों को भ्रम में डाल रही है. उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के उठाए गए सवालों के जवाब में कहा कि एनपीआर के लिए किसी व्यक्ति से कोई दस्तावेज नहीं लिए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि एनपीआर के लिए बायोमैट्रिक डेटा नहीं लिए जाएंगे.


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यहां देखें असदुद्दीन ओवैसी का खास इंटरव्यू