Asaduddin Owaisi On Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर छिड़ा मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. धर्माचार्यों से लेकर सियासी दलों के नेताओं तक के बयान तिरुपति लड्डू विवाद पर सामने आए हैं. इस बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार (25 सितंबर) को तिरुपति के प्रसाद के लिए पहली बार प्रतिक्रिया दी.


मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तिरुपति के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की जानकारी सामने आई है. ऐसा हुआ है तो गलत है. उन्होंने कहा कि हम भी इसे गलत मानते हैं और ये नहीं होना चाहिए था. 


'बीजेपी फैला रही झूठा प्रोपेगेंडा'


असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन बिल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वक्फ में सदस्य मुस्लिम समुदाय के बाहर का कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा, ''वक्फ प्रॉपर्टी एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है. बीजेपी अफवाह फैला रही है, जैसे वक्फ एक सरकारी प्रॉपर्टी है. झूठा प्रोपेगेंडा है कि वक्फ बोर्ड के पास 10 लाख एकड़ जमीन है.'' 


उन्होंने कहा कि जैसे हिंदू धर्म में प्रॉपर्टी दान दी जाती है, वैसे ही वक्फ में भी जमीन दान दी जाती है. उन्होंने कहा कि ये बिल मोदी की सरकार इसलिए लाना चाहती है ताकि वक्फ बिल खत्म हो जाए. ओवैसी ने कहा कि हिंदू धर्म में भी तो होता है आप किसी को भी दान दे सकते है तो ऐसा क्यों है? 


'वक्फ की जमीन का फैसला कलेक्टर करेगा, वो तो सरकार का आदमी'


एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि ये (केंद्र सरकार) बोल रहे हैं कि कलेक्टर तय करेगा कि वक्फ की जमीन है या नहीं. उन्होंने कहा कि कलेक्टर तो सरकार का ही आदमी होता है तो कैसे न्याय होगा? उन्होंने कहा कि ये बिल वक्फ के पक्ष में नहीं, बल्कि वक्फ को खत्म करने के लिए बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांग को महाराष्ट्र सरकार नहीं मानेगी तो हम आजाद मैदान में प्रदर्शन करेंगे.


ये भी पढ़ें:


Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति मंदिर में घी सप्लाई करने वाली कंपनी के सारे अधिकारी मुस्लिम! बड़ा दावा, जानें सच