Owaisi On PFI Ban: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बड़ा एक्शन लेते हुए 5 साल के लिए बैन कर दिया है. पीएफआई के साथ उसके अन्य 8 सहयोगी संगठनों को भी बैन कर दिया है. केंद्र सरकार द्वारा लिए इस एक्शन पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा, 'अपराध करने वाले कुछ लोगों के गलत काम का ये मतलब नहीं कि संगठन को ही बैन कर दिया जाए.'
ओवैसी ने कहा, इस तरह का बैन खतरनाक है. ये हर उस मुसलमान पर बैन है जो अपने मन की बात कहना चाहता है. उन्होंने आगे कहा, भारत के काले कानून, यूएपीए के तहत अब हर मुस्लिम युवा को पीएफआई पैम्फलेट के साथ गिरफ्तार किया जाएगा. मैंने यूएपीए का विरोध किया है और यूएपीए के तहत सभी कार्यों का हमेशा विरोध करूंगा. ओवैसी बोले, ये बैन स्वतंत्रता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है जो संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा है.
दक्षिणपंथी बहुसंख्यक संगठनों पर बैन क्यों नहीं- ओवैसी
ओवैसी ने सवाल करते हुए कहा, पीएफआई पर बैन लगाया गया लेकिन खाजा अजमेरी बम धमाकों के दोषियों से जुड़े संगठन नहीं बैन हुए. ऐसा क्यों? सरकार ने दक्षिणपंथी बहुसंख्यक संगठनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया?
लालू यादव ने दिया ये बयान...
बता दें, इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पीएफआई बैन पर कहा कि ऐसे संगठनों पर बैन लगना चाहिए. हालांकि, उन्होंने ये भी कह दिया कि इसी के साथ आरएसएस पर बैन लगना चाहिए. ये लोग मुस्लिम संगठनों को निशाना बना रहे हैं और हर बात में हिंदु-मुस्लिम करते हैं.
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