मोहन भागवत पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, पूछा- लिंचिंग मामले में दोषियों को किसने माला पहनाई थी
ओवैसी ने ट्वीट किया कि गांधी और तबरेज अंसारी की हत्या जिस विचारधारा ने की उसकी तुलना में भारत की बड़ी बदनामी और कोई कुछ नहीं हो सकती. भागवत भीड़ हत्या रोकने के लिए नहीं कह रहे हैं. वह कह रहे हैं कि इसे वो (लिंचिंग) मत कहो.
हैदराबादः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान की आलोचना की कि भीड़ हत्या (लिंचिंग) ‘पश्चिमी तरीका’ है. भागवत ने कहा कि देश को बदनाम करने के लिए इसका भारत के परिप्रेक्ष्य में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि भीड़ हत्या के ‘पीड़ित भारतीय’ हैं. ओवैसी ने आरोप लगाया कि भागवत भीड़ हत्या रोकने के लिए नहीं कह रहे हैं.
हैदराबाद से सांसद ने कहा, ''(भीड़ हत्या के) पीड़ित भारतीय हैं. (भीड़ हत्या के) दोषियों को किसने माला पहनाई थी, किसने उन्हें (तिरंगे में) लपेटा था. हमारे पास गोडसे प्रेमी बीजेपी सांसद हैं.''
The victims were Indians. Who garlanded convicts? Who draped them in 🇮🇳? We’ve a Godse loving BJP MP.
There can’t be a bigger defamation of India than ideology that killed Gandhi/Tabrez. Bhagwat isn’t saying stop lynching, he’s saying ‘don’t call it that’https://t.co/hHsnH61PKA — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 8, 2019
ओवैसी ने ट्वीट किया कि गांधी और तबरेज अंसारी की हत्या जिस विचारधारा ने की उसकी तुलना में भारत की बड़ी बदनामी और कोई कुछ नहीं हो सकती. भागवत भीड़ हत्या रोकने के लिए नहीं कह रहे हैं. वह कह रहे हैं कि इसे वो (लिंचिंग) मत कहो.
गौरतलब है कि नागपुर में मंगलवार सुबह आरएसएस की विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल करना गलत है. यह शब्द भारत को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
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