सुनहरी मस्जिद को हटाने के प्रस्ताव को लेकर सरकार पर बरसे असदुद्दीन ओवैसी, '...आखिर इतनी नफरत मुसलमानों से क्यों है'
Sunehri Masjid News: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर दिल्ली स्थित सुनहरी मस्जिद को हटाने का विरोध किया है. उन्होंने सरकार से नोटिफिकेशन वापस लिए जाने की मांग की है.
Asaduddin Owaisi On Sunehri Masjid: दिल्ली स्थित सुनहरी मस्जिद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. नई दिल्ली नगर पालिका परिषद ने सुनहरी मस्जिद को हटाने के संबंध में आम लोगों से राय मांगी है. एनडीएमसी के प्रस्ताव पर एक जनवरी तक लोगों को आपत्तियां और सुझाव देने हैं.
इस बीच एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से इस संबंध में नोटिफिकेशन को वापस लिए जाने की मांग की है, साथ ही केंद्र सरकार पर बीजेपी पर मुसलमानों और मस्जिदों से नफरत करने का आरोप लगाया है.
एक चौराहे पर स्थित मस्जिद को आसपास यातायात बाधित होने के आधार पर हटाने का प्रस्ताव दिया गया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीएमसी को मस्जिद को गिराए जाने के संबंध में 2,000 से ज्यादा टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हो चुके हैं.
क्या बोले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी?
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार (29 दिसंबर) को कहा, ''...नोटिफिकेशन दिया गया है. इसके बारे में हमने एनडीएमसी के आर्किटेक्ट को जवाब दिया है, सबसे पहली बात तो यह है कि यह नोटिफिकेशन उल्लंघन करता है आर्टिकल 25 का जो हमारे भारत के संविधान का फ्रीडम और रिलीजन, फंडामेंटल राइट है, वो एक हेरिटेज की जगह भी है और एक प्लेस ऑफ वर्शिप है...''
उन्होंने कहा, ''यह आर्टिकल 29 का वॉयलेशन करता है क्योंकि यह आर्टिकल कहता है कि कल्चर की प्रोटेक्शन हो, यह कल्चर का हिस्सा रहा है, तीसरा यह कि जो वक्फ एक्ट का सेक्शन 51-1ए कहता है कि वक्फ संपत्ति का अधिग्रहण उसी वक्त होता है जब कोई दूसरा ऑल्टरनेटिव नहीं है या कोई सूटेबल लैंड नहीं मिल सकती.''
ओवैसी ने कहा, ''यह वैसा नहीं है और चौथी चीज यह है कि 1911 में जब लुटियंस की दिल्ली को बनाया गया था तो उसमें जब जमीनें एक्वायर की गई थीं गावों की तो इन मस्जिदों को छोड़कर शहर को बनाया गया था.''
बीजेपी और मोदी सरकार को आखिर इतनी नफरत क्यों है मुसलमानों से- ओवैसी
उन्होंने कहा, ''हम यह पूछना चाह रहे हैं कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी की सरकार को आखिर इतनी नफरत क्यों है मुसलमानों से, नफरत क्यों है मस्जिदों से, नफरत क्यों है मस्जिदों से जो आवाज आ रही है. वो जो जगह है, राउंड अबाउट है, ऐसे कई राउंड अबाउट हैं, मिसाल के तौर पर नेहरू प्लेस में भी प्लेस ऑफ वर्शिप है, हमेशा ट्रैफिक जाम होता है वहां पर, आखिर कौन सी कयामत बरपा हो जाएगी वहां पर, आप क्यों मस्जिद को हटाना चाह रहे हैं?''
'गैर-जरूरी तौर पर आप मस्जिदों को डिस्टर्ब न करें'
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ''इसीलिए हम यह डिमांड करते हैं कि बीजेपी की सरकार इस नोटिफिकेशन को विदड्रॉ करे और गैर-जरूरी तौर पर आप मस्जिदों को डिस्टर्ब न करें. जितनी मजारें थीं, अब इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के बाजू में जो मजार थी, जिसको मैं चालीस साल से देख रहा हूं, आपने रातोंरात उसको तोड़ दिया, आखिर है क्या, किस्सा क्या है, आखिर इतनी नफरत क्यों है, यह बताता है कि नरेंद्र मोदी की सरकार मुसलमानों से, मुसलमानों की मस्जिद से, मुसलमानों की मस्जिद से जो आवाज आती है, उससे नफरत करती है.''
'आप इसी राउंड अबाउट के पीछे क्यों पड़े हैं'
ओवैसी ने कहा, ''आपको जरूरत ही नहीं है सुनहरी मस्जिद को हटाने की, किसको तकलीफ हो रही है, कितने राउंड अबाउट हैं, आप इसी राउंड अबाउट के पीछे क्यों पड़े हैं, न वहां पर ट्रैफिक का इतना प्रॉब्लम है, ये महज सताने के लिए, तंग करने के लिए, मुसलमानों की डिगनिटी छीनने के लिए इस तरह की हरकतें की जा रही हैं, जिसका हम कंडेम करते हैं.''
उन्होंने कहा, ''उम्मीद करते हैं कि हमारे मुल्क के वजीर-ए-आजम और रूलिंग पार्टी बीजेपी जो सबका साथ, सबका विकास, विश्वास की बड़ी-बड़ी बातें करती है, फौरन इसको विदड्रॉ करे और मस्जिद का तहफ्फुज (संरक्षण) करे, ये मस्जिद है, आप इसको नहीं इस तरह से डिमॉलिश कर सकते.''
बता दें कि इससे पहले गुरुवार (28 दिसंबर) को असदुद्दीन ओवैसी ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद कार्यालय को एक पत्र लिखकर सुनहरी मस्जिद को हटाने का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि मस्जिद हटाने का प्रस्ताव तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.
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