Asaduddin Owaisi On Ram Mandir: संसद के बजट सत्र में शनिवार (10 फरवरी) को अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन पर सदस्यों ने चर्चा की. चर्चा में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी भाग लिया. इस दौरान उन्होंने 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के ध्वस्तीकरण जिक्र किया.
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह 6 दिसंबर की घटना का जश्न मना रही. इस पर स्पीकर राजेंद्र अग्रवाल ने उन्हें टोका और कहा कि 6 दिसंबर का कोई जश्न नहीं मनाया जा रहा है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को संबोधित किया जा रहा है.
'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण'
स्पीकर ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण तथ्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि आप इस्लाम के जानकार हैं और कानून के विद्वान हैं. अगर किसी धर्म के स्थान पर मस्जिद बनाई जाए तो उसे इस्लाम में मान्य नहीं माना जाता.
राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि हाल ही में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने सु्प्रीम कोर्ट में यह स्वीकार किया है, वहां राम मंदिर था. आज चर्चा का विषय यह है कि वहां पर राम मंदिर ठीक बना है या नहीं.
ओवैसी ने दिया जवाब
इस पर ओवैसी ने कहा कि अदालत ने ASI की रिपोर्ट को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद को मंदिर तोड़कर नहीं बनाया गया था. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार एक समुदाय या एक धर्म की सरकार है. उन्होंने आगे कहा, "मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की इज्जत करता हूं और नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं, क्योंकि उसने ऐसे शख्स को गोली मारी, जिसकी जबान से आखिरी शब्द 'हे राम' निकले."
ओवैसी ने आगे कहा कि जिस शख्स ने मस्जिद गिराने के लिए रथ यात्रा निकाली केंद्र सरकार ने दोनों लोगों को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार से नवाजा. यह बताता है कि इंसाफ जिंदा है या जुल्म को बरकरार रखा जा रहा है.