'4 साल पहले PM मोदी ने कहा था झूठ...', लद्दाख समझौते पर असदुद्दीन ओवैसी ने क्यों कही ये बात
BRICS Summit 2024: ब्रिक्स समिट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी. इस मीटिंग में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर बात हुई थी.
Owaisi targeted PM Modi: रूस के कजान में ब्रिक्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग पॉइंट्स को लेकर समझौता हो गया है. इस समझौते पर अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा, "जब गलवान में झड़प हुई थी तो उसी समय पर मैंने कहा था कि हमारी जमीन पर चीन घुस आया है.अगर भारत और चीन के बीच यह समझौता हुआ है तो इसका मतलब ये है कि प्रधानमंत्री ने 4 साल पहले झूठा कहा था."
सरकार को देना होगा जवाब
इस समझौते पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, " वहां पर अक्टूबर के बाद बर्फबारी शुरू हो गई है. फिर हमें कैसा पता चलेगा कि हम जिन 25 पॉइंट पर पेट्रोलिंग नहीं कर पा रहे थे,वहां पर इसे कर पाएंगे या नहीं. इस बारे में तो हमें अब अप्रैल में ही पता चल पाएगा."
उन्होंने आगे कहा, "सरकार ने कहा कि चीन डोकलाम से निकल गया है, लेकिन चीन तो डोकलाम में बैठा हुआ है. AIMIM चीफ ने कहा कि सरकार अपने बयान में कह रही है कि कि हम 2020 से पहले जिन जगहों पर पेट्रोलिंग करते थे, वहां अब पेट्रोलिंग होगी. इसका मतलब ये है कि 2020 से ही चीन वहां पर घुसा हुआ बैठा है. अब अगर बफर जोन की बात करें तो चीन को हम बफर जोन कैसें देंगे. जहां पर हम अभ पेट्रोलिंग कर रहे थे, तो क्या हम पेट्रोलिंग जोन से पीछे हटकर बफर जोन बनाएंगे. पिछले चार सालों से हमारी सेना वहां पर तैनात हैं तो क्या वो आपस आएगी. इन सारे सवालों के जवाब सरकार को देंगे होंगे.
शीतकालीन सत्र में उठाएंगे ये मुद्दा
उन्होंने आगे कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान हम इस मुद्दे को उठाएंगे. सरकार इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती है. इस समझौते के बाद यह साबित हो गया है. इसी वजह से कहा गया है कि देपसांग और डेमचोक में समझौता हुआ है.
उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि अब डी-एस्कलेशन और डीइंडक्शन का क्या होगा?, क्या हमारी 50 हजार फौज वापस आएगी?, क्या 25 पेट्रोलिंग पॉइंट पर हमारी सेना दोबारा पेट्रोलिंग करेगी?