Asaduddin Owaisi On Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयानों को लेकर अक्सर ही विवाद पैदा हो जाता है. AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने एक बार फिर मोहन भागवत को निशाने पर लिया है. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जब RSS के ही स्वयंसेवक प्रधानमंत्री बन चुके हैं तो आठ साल से जंग खत्म क्यों नहीं हो रही है. बीजेपी के नेता 'चाकू की धार तेज रखें' इस तरह के बयान जारी कर रहे हैं और आरएसएस इसका समर्थन कर मॉब लिंचिंग और दलितों के साथ मारपीट को जस्टिफाई करने का काम कर रहा है.
ओवैसी ने कहा कि "भोपाल की मोहतरमा जो बीजेपी की एमपी हैं उनका बयान था कि चाकू को तेज रखो... इतना तेज रखो की फौरन लग जाए तो कट जाए. क्या इसे भी जस्टिफाई किया जा रहा है. जितनी भी देश में मॉब लिंचिंग हुई उसे जस्टिफाई कर रहे हैं. दलितों को पीटा जा रहा है, सिर्फ मरे हुए गाय और भैंस का चमड़ा निकालने पर. क्या उसे भी जस्टिफाई किया जा रहा है?'
बिलकिस बानो से क्यों नहीं मिलते भागवत?
ओवैसी का कहना है कि वह अक्सर इस तरह के बयान देते हैं. वह मदरसे में जाकर लोगों से मिल सकते हैं लेकिन बिलकिस बानो से क्यों नहीं मिलते हैं? वह बिलकिस बानो से कभी नहीं मिलेंगे. उस मदरसे में जाएंगे जहां आपके ही लोग हैं. भागवत का हर बयान भारत के संविधान के खिलाफ होता है.
'संविधान को कमजोर करना चाहते हैं भागवत'
अपने हर बयान में वह बताना चाहते हैं कि भारत में मुसलमान, ईसाई और दलित उनके रहमोकरम पर है, जोकि पूरी तरह से झूठ है. एक तरफ वह कहते हैं कि डीएनए सबका बराबर है और दूसरी तरफ से इस तरह के बयान जारी करते हैं. भागवत कहते हैं कि एक हजार साल से जंग चल रही है लेकिन कोई ये बताए की संविधान बनने के बाद कौन सी जंग चल सकती है. संविधान के रहते जंग की बात कैसे की जा सकती है. इसका मतलब है कि आप संविधान को कमजोर कर देना चाहते हैं.
प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर ओवैसी का तंज
भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Bhopal BJP MP Pragya Singh Thakur) के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि एक एमपी इस तरह के बयान दे रहे हैं. लोगों को तरकारी की तरह काटने की बात करते हैं. धर्म संसद में इस तरह के बयान देने वालों का ताल्लुक नहीं है क्या संघ से? इस तरह के बयानों से कट्टरता को बढ़ावा मिलता है.
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