Assuddin Owaisi On Naroda Gam Riots: 2002 के नरोदा गाम दंगों के मामले में गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी सहित सभी 67 आरोपियों को बरी किए जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर शायराना अंदाज में लिखा, ''जिधर से गुज़रो धुआं बिच्छा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो. तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरि जमीन को लाल कर दो. अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम. जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो.''
अहमदाबाद के नरोदा गाम में गोधरा मामले के बाद भड़के दंगों में 11 लोगों के मारे जाने के दो दशक से अधिक समय बाद स्पेशल कोर्ट का यह फैसला आया है. इस मामले में कुल 86 आरोपी थे, जिनमें से 18 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई, जबकि एक को कोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 169 के तहत साक्ष्य के आभाव में पहले आरोपमुक्त कर दिया था.
माया कोडनानी और पीड़ित पक्ष ने क्या कहा?
कोडनानी ने मामले में उन्हें बरी किए जाने पर कहा कि सच में आज सच्चाई की जीत हुई है. वहीं पीड़ितों का पक्ष रहे अधिवक्ता शहशाद पठान ने कहा कि बरी करने के आदेश को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. पठान ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़ितों को न्याय से वंचित कर दिया गया है. सवाल यह है कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में 11 लोगों को किसने जलाया?
मामला क्या है?
गोधरा स्टेशन के पास भीड़ ने साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 बोगी में आग लगाने के विरोध में बुलाए गए बंद के दौरान 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद के नरोदा गाम क्षेत्र में दंगे भड़क गए थे. ट्रेन की बोगी में आगजनी की घटना में कम से कम 58 यात्री, जिनमें ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे, जलकर जान चली गई थी.