Neet Paper Leak Case: मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को केंद्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देश के युवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी और सरकार से न्याय के हकदार हैं. 


पीएम मोदी पर ओवैसी का निशाना


सरकार पर कटाक्ष करते हुए एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि एग्जाम वॉरियर्स नरेंद्र मोदी ने युवाओं के भविष्य के लिए जंग छेड़ दिया है. उन्होंने कहा, "पहले नीट-यूजी (23 लाख छात्र), फिर यूजीसी-नेट (नौ लाख छात्र), इसके बाद सीएसआईआर-नेट (दो लाख छात्र) और नीट-पीजी (दो लाख छात्र) की परीक्षा एक दिन पहले रद्द कर दी गई. इसकी जिम्मेदारी पीएम मोदी और उनके मंत्रियों की है. हमारे देश के युवा प्रधानमंत्री से माफी और उनकी सरकार से न्याय के हकदार हैं.’’


विरोध के बाद एक्शन में क्रेंद्र सरकार


नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. अभ्यार्थियों के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार भी एक्शन आ गई है. सरकार ने शनिवार (22 जून) को एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटाकर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने रविवार (23 जून) को इस मामले को लेकर मामला दर्ज किया. 






हाई लेवल समिति का किया गया गठन


शिक्षा मंत्रालय ने एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन भी किया है. इस समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति बीजे राव और आईआईटी मद्रास में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के राममूर्ति शामिल हैं.


पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत बोर्ड के सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी इसके सदस्यों में शामिल हैं.


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