‘खुदाई भी करा रहे हैं और...’, पीएम मोदी के अजमेर शरीफ चादर भेजने पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी
Asaduddin Owaisi On PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह के लिए भेजी गई चादर शनिवार को चढ़ाई गई. किरेन रिजिजू ये चादर लेकर अजमेर पहुंचे.
AIMIM Chief On PM Modi Offered Chadar Ajmer Sharif Dargah: उर्स के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरजमेर शरीफ दरगाह के लिए एक चादर भेजी, जिसे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू लेकर पहुंचे. मामले पर राजनीति भी होने लगी है. ताजा घटनाक्रम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुदीन ओवैसी ने कहा कि एक तरफ तो पीएम दरगाह के लिए चादर भेज रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ खुदाई करा रहे हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, “इसने हमारे जख्म का कुछ यूं किया इलाज, मरहम भी गर लगाया तो कांटे की नोंख से. पिछले 10 साल ने बीजेपी की सरकार है, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर बीजेपी का कोई स्टैंड नहीं है. आप चादर इसलिए चढा़ रहे हैं क्योंकि आप मानते हैं कि वहां दरगाह है, आप चादर चढ़ा रहे हैं, लेकिन आपके चाहने वाले कह रहे हैं कि दरगाह, दरगाह नहीं है. इसे रोकने की जरूरत है.”
‘प्रधानमंत्री चाहें तो ये सब बंद हो सकता है’
एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे कहा, “बीजेपी, संघ परिवार और पूरे देश में उनके संगठन कोर्ट जा रहे हैं कि यहां-वहां खुदाई होनी चाहिए. वे कह रहे हैं कि यह मस्जिद नहीं है, वह दरगाह नहीं है. अगर प्रधानमंत्री चाहें तो यह सब बंद हो जाएगा. पिछले दस सालों से बीजेपी की सरकार है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं. 7 से ज्यादा मसले तो मस्जिदें और दरगाहें उत्तर प्रदेश से हैं, जहां बीजेपी सत्ता में है और जहां से प्रधानमंत्री सांसद हैं. चादर भेजने से कुछ नहीं होने वाला है. उसका कुछ संदेश भी जाना चाहिए.”
#WATCH | Hyderabad: On PM Modi presented Chadar to Union Minister Kiren Rijiju to be offered at the Ajmer Sharif Dargah, AIMIM chief Asaduddin Owaisi, says "BJP, Sangh Parivar and their organizations in the whole country is going to the Court that there should be digging here and… pic.twitter.com/BhHlsAkkd0
— ANI (@ANI) January 4, 2025
अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाई गई पीएम मोदी की भेजी चादर
वहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार (04 जनवरी, 2025) को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 'उर्स' पर अजमेर दरगाह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भेजी गई चादर पेश की.
नवंबर 2024 में अजमेर की एक अदालत ने एक याचिका स्वीकार की जिसमें दावा किया गया था कि दरगाह एक शिव मंदिर के ऊपर बनाई गई थी और अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किए. याचिका दायर करने वाले हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री से इस बार चादर न भेजने का आग्रह किया था.
ये भी पढ़ें: अजमेर दरगाह पहुंची PM मोदी की भेजी चादर, रोकने की मांग वाली याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई