Asaduddin Owaisi On PM Modi US Visit: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार (26 जून) को मोदी सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सवाल पूछा, "अल्पसंख्यकों का बजट 40 प्रतिशत कम करना, प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप को खत्म करना और मौलाना आजाद फैलोशिप को बंद कर देना, क्या भेदभाव नहीं है."
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "प्रधानमंत्री का भेदभाव ये भी है कि आपके 306 सांसदों में से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है. भेदभाव ये भी है कि आपके पास एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है. क्या दिल्ली के आपके एक सांसद ने यह नहीं कहा कि मुसलमानों से सामान मत खरीदो, क्या यह भेदभाव नहीं है."
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि उन्होंने अमेरिका में ऐसा क्यों कहा कि अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी अमेरिका गए हमें इसमें कोई ऐतराज नहीं है. हम भी चाहते हैं कि भारत और अमेरिका के रिश्ते और अच्छे हों लेकिन मोदी जब अमेरिका में थे तो उनकी एक-दो बातों को लेकर मुझे ऐतराज है."
अमेरिका में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बोले ओवैसी
ओवैसी ने पीएम मोदी की अमेरिका में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर हमला बोला. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने 9 साल में पहली बार मीडिया के सवालों के जवाब दिए लेकिन वहां की वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टर ने आपसे भारत के मुसलमानों को लेकर सवाल किया इससे मुझे तकलीफ हुई. मुझे तकलीफ हुई कि उन्होंने आपसे पूछा कि आप भारत के मुसलमानों की दिक्कतों को दूर करने के लिए क्या काम करेंगे."
पीएम मोदी से किए गए सवाल पर क्या बोले ओवैसी?
ओवैसी ने कहा, "मैं खुश होता अगर पीएम मोदी से सवाल किया जाता कि आप उस देश से आते हैं जहां 50 फीसदी आबादी युवा है. मैं खुश होता इस बात से अगर रिपोर्टर आपसे सवाल करती कि बताइए मेक इन इंडिया में आपने क्या-क्या बनाया. मैं खुश होता अगर रिपोर्टर आपसे पूछती कि क्या आपने 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के टारगेट को पूरा कर लिया. मैं खुश होता अगर वो आपसे पूछती कि दुनिया में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में है, उसके लिए आपने क्या किया."
ओवैसी ने कहा, "मणिपुर में 300 चर्च जला दी गई, उत्तरकाशी में मुसलमानों से नहीं कहा गया कि छोड़कर भाग जाओ, क्या आपने CAA का कानून मजहब की बुनियाद पर नहीं बनाया, मौलाना आजाद फैलोशिप बंद करने के बाद मुसलमानों के बच्चे फैलोशिप नहीं कर सकेंगे, क्या ये सबकुछ भेद भाव नहीं है."
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