Waqf Amendment Bill: केंद्र सरकार गुरुवार (8 अगस्त 2024) को संसद में वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन के लिए बिल पेश किया, जिसका विरोधियों ने एकजुट होकर विरोध किया. इस बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए केंद्र सरकार पर वक्फ बोर्ड को तबाह करने का आरोप लगाया.


'वक्फ की प्रॉपर्टी का हो रहा एनआरसी'


हैदराबाद के सांसद ने कहा, "ये वक्फ बोर्ड नहीं, एनआरसी हो रहा वक्फ की प्रॉपर्टी का. सरकार ये कहकर धोखा दे रही है कि वक्फ बोर्ड में जो प्रॉपर्टी है वो पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है, बल्कि प्राइवेट प्रॉपर्टी है. मुसमानों ने अपने खून पसीने की कमाई कर उसको वक्फ किया और अब सरकार बोल रही है कि हम इसको ले लेंगे. वक्फ मुसलमानों में एक धार्मिक परंपराओं में शुमार होता है. सरकार कलेक्टर राज से वक्फ पर कब्जा करना चाहती है." उन्होंने पूछा कि क्या कोई कलेक्टर सरकार के खिलाफ आदेश देगा."


क्या कलेक्टर सरकार के विरोध में आदेश देंगे?


असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "केंद्र सरकार कह रही है कि अब से वक्फ बाई यूजर को खत्म कर देंगे और आपको डॉक्यूमेंट दिखाना होगा. 300 साल से किसी मस्जिद, ईदगाह और कब्रिस्तान का इस्तेमाल हो रहा है और अब कहा जाएगा कि ये सरकार की प्रॉपर्टी हो जाएगी. ऐसे में तो जिस दिन सरकार चाहेगी तो वक्फ बाई यूजर निकल जाएगा."


उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब इसे सरकार की प्रॉपर्टी घोषित की जाएगी तो हम ये उम्मीद करेंगे कि कलेक्टर सरकार के विरोध में आदेश देंगे. ओवैसी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय मुसलमानों से खुली नफरत है. उन्होंने पूछा कि ये (सरकार) देवस्थानम बोर्ड में मुस्लिमों को जगह देंगे.  


असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के उद्धव ठाकरे की पार्टी के जितने भी सांसद थे वह भाग गए. उन्होंने कहा, "जब बिल पर स्पीकर ने बोलने के लिए कहा तो उद्धव ठाकरे की पार्टी के कोई सांसद नहीं बैठे, सब कैंटिन में बैठकर चना-चाट खा रहे थे और उद्धव ठाकरे अपने हिंदुत्व में मुसलमानों की बात करते हैं."


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