India China Faceoff: अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प का मुद्दा गरमा गया है. इस मामले पर विपक्षी पार्टियों ने सवाल करने शुरू कर दिए हैं. मौजूदा वक्त में संसद का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है और इस मामले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी भी हो रही है. इसी क्रम में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार से सवालों के बाण छोड़े हैं.


अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में जैसे ही भारतीय सैनिकों के घायल होने की खबर मीडिया में आई, वैसे ही विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया. सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है और सरकार ने कई दिनों तक अंधेरे में रखा. उन्होंने सवाल उठाया कि जब सत्र चल रहा है तो संसद को सूचना क्यों नहीं दी गई?


क्या कहा ओवैसी ने?


दरअसल, इस घटना के बारे में जानकारी सामने आने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने दो ट्वीट किए. इन ट्वीट्स में उन्होंने लिखा कि अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं और संकेत देने वाली हैं. भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई है और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा. जब संसद सत्र चल रहा था, तब सूचित क्यों नहीं किया गया?






इसके बाद वाले ट्वीट में उन्होंने सवाल करते हुए लिखा कि घटना का ब्यौरा अधूरा है. झड़प की वजह क्या थी? गोलिया चलीं या गलवान जैसी घटना थी? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी हालत क्या है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है?


झड़प पर भारतीय सेना का बयान


तवांग घटना पर भारतीय सेना ने कहा है कि भारतीय सैनिकों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में LAC पर चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर सामना किया. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हुए. दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से पीछे हट गए.


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