हिंदू मंदिर बनने के सवाल पर ओवैसी बोले- मैं UAE का बादशाह बन जाऊंगा तब...
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे होते हैं तो हमको बहुत बड़ा फॉरेन एक्सचेंज यूएई से आता है. वह हमारा बहुत बड़ा ट्रेड पार्टनर है.
संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में बने हिंदू मंदिर को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह इससे खुश हैं या नहीं यह तो वह तब ही बता पाएंगे जब वह यूएई के बादशाह बनेंगे. इसके बाद उन्होंने यूएई के साथ ट्रेड रिलेशन की बात करते हुए कहा कि वह भारत का बहुत बड़ा पार्टनर है अगर उसके साथ रिश्ते अच्छे होते हैं तो खुशी होगी ही.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे होते हैं तो यह खुशी की बात है. उन्होंने यह भी कहा कि यूएई में हमारे स्ट्रेटेजिक पार्टनर हैं और वह भारत में इनवेस्टमेंट करता है. एक इंटरव्यू में उनसे सवाल किया गया कि यूएई में भव्य हिंदू मंदिर बना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का उद्घाटन किया तो क्या वह खुश हैं कि यूएई में हिंदू मंदिर बनाया गया.
UAE हिंदू मंदिर के सवाल पर और क्या बोले ओवैसी
इस सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा, 'जिस दिन मैं यूएई का बादशाह बन जाऊंगा तो जवाब दे पाऊंगा. मैं इससे इसलिए खुश हूं क्योंकि वहां पर हमारे स्ट्रेटेजिक पार्टनर हैं. यूएई में हमारे भारत के लाखों लोग काम करते हैं. तो वह वहां के बादशाह ने फैसला किया. मोदी जी ने उनसे गुजारिश की थी, फिर बादशाह ने उनको इजाजत दी. अगर दोनों देशों के रिश्ते अच्छे होते हैं तो हमको बहुत बड़ा फॉरेन एक्सचेंज वहां से आता है. हमारा बहुत बड़ा ट्रेड पार्टनर है वो और उनका इंडिया में इनवेस्टमेंट है.'
14 फरवरी को पीएम मोदी ने किया था यूएई मंदिर का उद्घाटन
14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी में बने इस पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया था. बीते शुक्रवार (1 मार्च) को मंदिर को आम जनता के लिए भी खोल दिया गया है. मंदिर को 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) ने मंदिर का निर्माण करवाया है. बीएपीएस के प्रमुख महाराज स्वामीनारायण ने साल 1997 में मंदिर की परिकल्पना की थी. मंदिर को 27 एकड़ जमीन में तैयार किया गया है, जिसमें से 13.5 एकड़ जमीन पर मंदिर बना है और बाकी एरिया में पार्किंग है.
मंदिर के उद्घाटन पर पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने साल 2015 में यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के सामने मंदिर का प्रस्ताव रखा था. 2015 में यूएई सरकार ने 13.5 एकड़ जमीन दी थी और 2019 में 13.5 एकड़ जमीन मंदिर के लिए तोहफे में दी गई थी.