Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा. ओवैसी ने कहा, "हमने इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि यदि कोई सरकार संविधान के खिलाफ कोई निर्देश पास करती है तो उस पर केंद्र सरकार को संज्ञान लेना चाहिए. ओवैसी ने कहा कि इससे छूआछूत को बढ़ावा मिल रहा है. औवैसी ने कहा कि कल कोई मुसलमान कहेगा कि वह रमजान में 30 दिन तक उपवास रखता है और 15 घंटे पानी नहीं पीता तो क्या सरकार सभी को पानी पीने से रोकेगी.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में असदुद्दीन ओवैसी ने नेमप्लेट विवाद पर कहा कि अगर कोई सरकार संविधान के खिलाफ कोई आदेश पारित करती है, तो भारत सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए. ऐसा आदेश जारी करना अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है. इस तरह से तो सरकार सीधे-सीधे छुआछूत को बढ़ावा दे रही हैं. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने किस बुनियाद के अनुसार ये निर्णय दिया? खुले तौर पर भेदभाव किया जा रहा है.


यह सिर्फ नफरत की निशानी- ओवैसी


असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि यह जीवन के अधिकार के खिलाफ है, आप आजीविका के खिलाफ हैं. औवैसी ने कहा कि कल कोई मुसलमान कहेगा कि वह रमजान में 30 दिन तक उपवास रखता है और 15 घंटे पानी नहीं पीता. क्या आप किसी को पानी नहीं देंगे? ओवैसी ने कहा कि यह सिर्फ नफरत की निशानी है. मुसलमानों के साथ खुला भेदभाव है. 






जानें योगी सरकार ने क्या आदेश जारी किया?


उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐसा आदेश जारी किया है, जिससे सियासत गर्मा गई है. सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले सभी दुकानदारों को अपनी पहचान लिखने का निर्देश दिया है. इस आदेश के तहत कांवड़ रूट पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों, दुकानों और ठेलों पर दुकानदारों को अपनी नेम प्लेट लगानी होगी, ताकि कांवड़ियों को पता चल सके कि वो किससे सामान खरीद रहे हैं.


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