Asaduddin Owaisi: ‘अब दूसरी हिजरत नहीं होगी', जब शख्स ने असदुद्दीन ओवैसी को पाकिस्तान जाने को कहा तो AIMIM चीफ ने दिया करारा जवाब
CAA: सोशल मीडिया पर एक यूजर ने सीएए लागू होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी के पाकिस्तान जाने की बात की थी, जिस पर AIMIM के मुखिया ने राहत इंदौरी की शायरी के जरिए करारा जवाब दिया है.
Asaduddin Owaisi On CAA: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी केंद्र से दो-दो हाथ के मूड में हैं. वह लगातार इस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने उन्हें टैग करते हुए लिखा कि सीएए लागू होने के बाद कुछ लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान जाने के लिए ट्रेन पकड़ने का फैसला कर रहे हैं. ओवैसी उस पर बरस पड़े.
'अब दूसरी हिजरत नहीं होगी'
इतना ही नहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने मरहूम राहत इंदौरी के मशहूर शेर "अब के जो फैसला होगा वो यहीं पर होगा, हमसे अब दूसरी हिजरत नहीं होने वाली..." लिखकर जवाब दिया.
दरअसल निलेश एच डब्ल्यू नाम के एक शख्स में सीएए लागू होने के X पर एक पोस्ट में लिखा कि इस फैसले के बाद प्रमुख हस्तियां मुरफा खानम, राणा अयूब, साएमा, असदुद्दीन ओवैसी, वारिश पठान और जुबैर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के लागू होने के बाद भारत छोड़ने और पाकिस्तान जाने के लिए ट्रेन पकड़ने का फैसला किया है. इस कदम से पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई है. इसी के जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने शायर राहत इंदौरी का शेर लिखा.
मुल्क छोड़ने से संबंधित है शायरी
राहत इंदौरी की इस शायरी का मतलब मुल्क से संबंधित है. दरअसल हिजरत का मतलब अपना मुल्क छोड़कर दूसरे मुल्क में जाना होता है. इसलिए इस शेर के जरिए ओवैसी ने कहा है कि अब जो फैसला होगा वह यहीं पर (भारत) होगा. अब दूसरे देश में जाने की बात नहीं होने वाली है.
CAA पर ओवैसी का क्या है रुख
दरअसल, सीएए लागू होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. वह इस कानून को मुस्लिमों के खिलाफ बता रहे हैं. उनका कहना है कि इसका असली मकसद मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना है.
उन्होंने कहा है कि इसके जरिए मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जाएगा. ओवैसी ने इस बात पर भी सवाल खड़ा किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे क्यों लागू किया गया, अगर केंद्र सरकार का इरादा नेक है तो कश्मीर से पलायन कर गए कश्मीरी पंडितों को वापस लाकर घाटी में क्यों नहीं बसाया जाता है. उन्होंने कहा है कि धर्म या देश के आधार पर नागरिकता नहीं होनी चाहिए.
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