Protest Against Waqf Bill: दिल्ली के जंतर-मंतर पर वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के नेतृत्व में बड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस प्रदर्शन को कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है.
असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को हथियाने की साजिश है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है.
विरोध प्रदर्शन में ओवैसी की भागीदारी
विरोध प्रदर्शन के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास है.
ओवैसी ने कहा, "हम इस बिल के सभी 44 प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं. यह संशोधन वक्फ की रक्षा करने के लिए नहीं, बल्कि इसे समाप्त करने के लिए लाया गया है. इससे न वक्फ की आय बढ़ेगी और न ही अवैध रूप से पदों पर बैठे लोगों को हटाया जा सकेगा. यह विधेयक असंवैधानिक है. सरकार के सहयोगी दलों को इसे रोकना चाहिए और भाजपा का समर्थन नहीं करना चाहिए."
विधेयक पर उठे सवाल
ओवैसी ने कहा कि संसद के सामने स्थित मस्जिद को सरकार अपनी संपत्ति मानती है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के बोर्ड में उनके ही धर्म के लोगों को सदस्य बनाया जाता है, लेकिन वक्फ मामलों में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा?
मोदी सरकार पर गंभीर आरोप
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक से मस्जिद, मजार और अन्य वक्फ संपत्तियों को हड़पने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार और चिराग पासवान से अपील की कि वे इस विधेयक का समर्थन न करें. उन्होंने कहा, "अगर यह विधेयक पास हुआ, तो कोई भी यह दावा कर सकता है कि वक्फ की संपत्ति अब वक्फ बोर्ड की नहीं रही. यह पूरी तरह असंवैधानिक और गैर-कानूनी है."