'पीएम मोदी को कोई पढ़ाए संविधान का आर्टिकल 25', लोकसभा में बोले असदुद्दीन ओवैसी
AIMIM Asaduddin Owaisi: ओवैसी ने संसद में कहा, "भाजपा का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद नहीं है, यह हिंदुत्व का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है जिसका भारत के राष्ट्रवाद से कोई संबंध नहीं है."
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AIMIM Asaduddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (14 दिसंबर 2024) को कुछ धार्मिक संरचनाओं का सर्वे करने या उन्हें ध्वस्त करने के आह्वान पर चिंता जताई. इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर तीखे हमले किए और आरोप लगाया कि उर्दू भाषा को खत्म किया जा रहा है.
भारतीय संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित चर्चा के दौरान बोलते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा, "मुझसे पूछा जा रहा है कि क्या 500 साल पहले कोई मस्जिद थी. अगर मैं संसद की खुदाई करूं और कुछ मिल जाए, तो क्या वह मेरी हो जाएगी?"
पीएम को अनुच्छेद 26 पढ़वाइए: ओवैसी
ओवैसी ने अपने भाषण के दौरान अनुच्छेद 25 और उसके प्रावधानों के बारे जिक्र किया. उनकी यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह कहे जाने के दो दिन बाद आई है कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई खत्म होने तक किसी भी पूजा स्थल का सर्वे नहीं किया जाएगा.
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर वक्फ संपत्तियों को छीनने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. ओवैसी ने कहा, "अनुच्छेद 26 पढ़िए, यह धार्मिक संप्रदायों को धार्मिक और धर्मार्थ मकसदों के लिए संस्थाएं स्थापित करने और उन्हें बनाए रखने का हक देता है. प्रधानमंत्री कहते हैं कि वक्फ का संविधान से कोई लेना-देना नहीं है. प्रधानमंत्री को कौन पढ़ा रहा है? उन्हें अनुच्छेद 26 पढ़वाइए. इसका लक्ष्य वक्फ की संपत्तियों को छीनना है. आप अपनी ताकत के बल पर इसे छीनना चाहते हैं."
'उर्दू को खत्म कर दिया गया'
अपने भाषण में आगे एआईएमआईएम प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा देश में उर्दू भाषा को खत्म करने और हिंदुत्व संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 29 पढ़िए, यह भाषा की स्वतंत्रता देता है. उर्दू, जिस भाषा में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने 'इंकलाब जिंदाबाद' का नारा दिया था, उसे खत्म कर दिया गया है. उनसे (भाजपा) संस्कृति के बारे में पूछिए, वे कहेंगे कि यह हमारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है. असल में, यह भाजपा का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद नहीं है, यह हिंदुत्व का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है जिसका भारत के राष्ट्रवाद से कोई संबंध नहीं है."
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