Sharad Pawar With PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुणे दौरा खूब चर्चा में है, खास बात ये है कि चर्चा की वजह पीएम मोदी नहीं बल्कि एनसीपी चीफ शरद पवार हैं. महाराष्ट्र में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शरद पवार ने पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया और उन्हें तिलक पुरस्कार से सम्मानित भी किया. इवेंट की जो तस्वीरें सामने आई हैं उन्हें लेकर विपक्षी खेमे में हलचल तेज हो गई है. इसी बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसे लेकर तंज कसा है. 


ओवैसी बोले- ये कौन सा पाखंड है?
असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी और शरद पवार की पुणे में आयोजित कार्यक्रम की एक तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ तमाम विपक्षी दल मणिपुर मामले को लेकर सरकार का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शरद पवार पीएम मोदी के साथ मंच पर दिख रहे हैं. ओवैसी ने लिखा, "लोकसभा में एनसीपी और अन्य विपक्षी दल मणिपुर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं शरद पवार खुशी-खुशी पुणे में नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा कर रहे हैं. ये क्या पाखंड है? उधर बीजेपी संसद में खुशी-खुशी बिना चर्चा के बिल पास करा रही है."






सहयोगी दलों का रुख
महाराष्ट्र में एमवीए के दो अन्य सहयोगी दलों शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस की तरफ से भी शरद पवार के पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर रिएक्शन सामने आया. जहां शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए कहा कि शरद पवार को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए था और ऐसा करके वो शंकाओं को दूर कर सकते थे, वहीं कांग्रेस ने कहा कि समारोह में शामिल होना शरद पवार का निजी फैसला था. 


बता दें कि शरद पवार ने मोदी के साथ मंच साझा न करने के विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया था. ‘इंडिया’ के सदस्यों का मानना है कि ऐसे वक्त में जब बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर एक मोर्चा बनाया जा रहा है तो पवार का इस कार्यक्रम में शामिल होना विपक्ष के लिए अच्छा नहीं होगा. 


एक मंच पर दिखे शरद पवार और पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 अगस्त को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार के साथ मंच साझा किया. प्रधानमंत्री मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में पवार शामिल हुए. प्रधानमंत्री को उनके ‘‘सर्वोच्च नेतृत्व’’ और ‘‘नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने’’ के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 


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