(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'41 लोगों की जान बचाने वाले रैट माइनर का तोड़ दिया घर', PM मोदी पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी
Asaduddin Owaisi News: ओवैसी ने कहा कि वकील और उनके साथियों ने 41 लोगों को बचाया था. सभ्य समाज में उन्हें राष्ट्रीय नायक का दर्जा दिया जाता, लेकिन शायद उनका नाम वकील हसन है इसलिए ये सजा मिली है.
Asaduddin Owaisi Attack on PM Narendra Modi: पिछले साल उत्तरकाशी में फंसे 41 लोगों की जान बचाने वाले रैट माइनर वकील हसन के मकान को दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने बुलडोजर से गिरा दिया है. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार (29 फरवरी) को इस मसले को उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर इससे जुड़ी फोटो भी शेयर की.
ओवैसी ने लिखा, "डीडीए ने रैट माइनर वकील हसन के मकान को बुलडोजर से गिरा दिया है. नोटिस तक नहीं दिया, बुलडोजर तब चलाया गया जब वकील के बच्चे उनके घर पर अकेले थे. वकील और उनके साथियों ने अपनी जान की बाजी लगा कर उन 41 लोगों को बचाया था जो उत्तरकाशी में फंसे थे. किसी भी सभ्य समाज में उन्हें राष्ट्रीय नायक का दर्जा दिया जाता, लेकिन शायद उनका नाम वकील हसन है इसलिए मोदी राज में उनके लिए सिर्फ बुलडोजर, एनकाउंटर वगैरह मुमकिन है."
पिछले साल उत्तरकाशी में फंसे 41 लोगों की जान बचाने वाले रैट माइनर वकील हसन के मकान को बुलडोजर से ढहा दिया गया है।@official_dda ने नोटिस तक नहीं दिया, बुलडोज़र तब चलाया गया जब वकील के बच्चे उनके घर पर अकेले थे। वकील और उनके साथियों ने अपनी जान की बाज़ी लगा कर उन 41 लोगों को बचाया… pic.twitter.com/mVSjOrvLG4
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 29, 2024
वकील हसन ने डीडीए पर लगाया ये आरोप
रैट माइनर वकील हसन ने इस मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि दिल्ली के खजूरी खास स्थित श्रीराम कॉलोनी में 2023 में उन्होंने 80 गज का एक प्लॉट 38 लाख रुपये में खरीदा था. तब उन्हें नहीं पता था कि ये डीडीए की जमीन है. उन्होंने जिंदगी भर की कमाई, पत्नी के जेवर और गांव का प्लॉट बेचकर यहां मकान बनाया था. वकील हसन ने आरोप लगाया है कि डीडीए ने उनसे पैसे मांगे थे और नहीं देने पर घर गिराने की कार्रवाई की गई.
घर वापस न मिलने पर दी अनशन की चेतावनी
वकील हसन का कहना है कि डीडीए ने ये कार्रवाई तब की जब वह घर पर नहीं थे. मकान गिराने से पहले डीडीए के अफसरों ने उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया. अगर उन्हें उनका घर वापस नहीं मिला तो वह अनशन करेंगे.
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