Asaduddin Owaisi In Moradabad: उत्तर-प्रदेश में इन दिनों निकाय चुनाव के लिए प्रचार चल रहा है. मुरादाबाद की उमरी कलां नगर पंचायत में प्रचार करने के लिए पहुंचे ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया ने कहा है, “मुसलमान की कोई ताकत नहीं है इसलिए उन्हें गोली मार दी जाती है.”
इस दौरान उन्होंने जेल से रिहा हुए आनंद मोहन और अतीक अहमद हत्याकांड को लेकर निशाना साधते हुए कहा, “आनंद मोहन को इसलिए छोड़ा गया क्योंकि उनकी बिरादरी उनके साथ खड़ी थी. मुसलमान की कोई ताकत नहीं है इसलिए उन्हें पुलिस कस्टडी में गोली मार दी जाती है. अगर सियासी ताकत होती तो किसी माई के लाल में दम नहीं था कि गोलियां मारकर चले जाते.”
‘अतीक के हत्यारों के घर बुलडोजर क्यों नहीं चला?’
साथ ही उन्होंने सवाल किया, “गांधी के कातिलों को क्या पुलिस कस्टडी में गोलियां मारी गईं? अजमल कसाब के वक्त कानून याद नहीं आया. कोई पुलिस कस्टडी में है, कोई आकर गोली मार देता है… पुलिसवाले कुछ नहीं कर सके. अतीक-अशरफ को गोली मारने वाले नाथूराम गोडसे की नाजायज औलाद हैं. अतीक-अशरफ को गोली मारने वालों के घर पर बुलडोजर क्यों नहीं चला?”
आनंद मोहन के रिहा होने पर ओवैसी
इससे पहले बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर ओवैसी ने कहा था कि ये दूसरी बार कृष्णैया की हत्या है. इस मामले में बिहार की आईएएस असोसिएशन चुप है. उन्होंने पूछा कि क्या उस समय लालू यादव की सरकार नहीं थी, क्या उन्होंने उनकी पत्नी से मुलाक़ात नहीं की थी. अब कौन सा आईएएस अधिकारी बिहार में जान जोखिम में डालेगा.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 5 दिसंबर 1994 को एक एससी आईएएस की हत्या की गई, जब वह महज 37 साल का था. उन्होंने कहा कि आखिर अब कौन सा आईएएस अधिकारी बिहार में जान जोखिम में डालेगा. कृष्णैया ने मजदूरी कर पढ़ाई की थी. वह कृष्णैया के परिवार के साथ हैं और ये भी उम्मीद करते हैं कि एक बार फिर इस मामले को लेकर सोचा जाएगा.
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