Owaisi On Opposotion Alliance: साल 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर एक तरफ सत्तारुढ़ बीजेपी अपनी विचारधारा के साथ लड़ने की तैयारी कर रही है. वहीं तमाम विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी को टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं. इस सिलसिले में एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि अगर विपक्ष को बीजेपी को टक्कर देनी है तो विचारधारा से देनी होगी.


एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी एकता के आह्वान पर यह प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बीजेपी को विचारधारा से समझौता करके नहीं रोका जा सकता. आपको विचारधारा में अंतर बताकर बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी.


विपक्ष को विचारधारा से मात देने की सलाह
शुक्रवार (14 अप्रैल) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. इस दौरान वह बीजेपी की केंद्र सरकार पर निशाना साधते नजर आए. लोकसभा 2024 के चुनाव को लेकर विपक्ष के एकजुट होने पर उन्होंने कहा कि 2024 में बीजेपी को विचारधारा के आधार पर रोकना होगा. बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सीएम बिहार के मदरसा अजीजा में क्यों नहीं जा रहे हैं? यह ऐतिहासिक मदरसा है, जहां कुरान-ए-करीम सहित 4500 किताबें जलाई जाती हैं. जब तक आप बीजेपी से विचारधारा के साथ नहीं लड़ेंगे, तब तक आप उन्हें रोक नहीं सकते. 


बीजेपी सरकार पर लगाए आरोप
ओवैसी ने आगे कहा कि देश में मुस्लिम बच्चों को मदरसों में पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है. इसकी वजह ये है कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने प्री-मैट्रिक फेलोशिप केवल 9वीं और 10वीं कक्षा तक सीमित कर दी है. वित्त मंत्री के बयान का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा कि अमेरिका में वित्त मंत्री ने कहा कि देश में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है, यह पाकिस्तान से बेहतर है. वित्त मंत्री ने कहा कि यहां फेलोशिप दी जाती है. 2014 में मोदी सरकार को कुंडू समिति की रिपोर्ट दी गई थी जिसमें यह कहा गया था कि मुस्लिम समुदाय का ड्रॉपआउट प्राथमिक कक्षा से शुरू होता है. यह भी कहा कि मुस्लिम इलाकों में सरकारी स्कूल नहीं खुलते हैं.


मुसलमानों के ड्रॉपआउट होने का जिम्मेदार कौन?
बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि आप स्कूल नहीं खोल रहे हैं, इसलिए बच्चे मदरसों में पढ़ते हैं. यूपीए सरकार में प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे 8 साल बाद और अचानक शिक्षा का अधिकार अधिनियम को याद करके इसे बंद कर दिया. जिसका नतीजा यह हुआ कि मुसलमान पढ़ नहीं पा रहे, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं. इस दौरान ओवैसी ने तेलंगाना के सीएम केसीआर की ओर से बीआर आंबेडकर की 125 फीट की प्रतिमा के अनावरण के जरिये श्रद्धांजलि को उन सभी लोगों के लिए संदेश बताया जो संविधान को कमजोर करना चाहते हैं.


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