Asaduddin Owaisi On Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी मस्जिद, ताजमहल, कुतुब मीनार सहित कई स्थानों को लेकर इस वक्त मंदिर-मस्जिद का बवाल चल रहा है. इसी को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने एबीपी न्यूज़ से खास बात करते हुए कहा कि मुल्क किस राह पर जा रहा है. कुतुब मीनार में आप चले जाते हैं? अपनी विचारधारा के नाम पर आप संविधान को रौंद देंगे? कल मैं कहूंगा कि पीएम के घर के नीचे मेरी मस्जिद है. तो आप खोदने देंगे? देश 1991 के एक्ट के तहत चलेगा या मनचलों की विचारधारा पर चलेगा? देश कानून से चलेगा या आस्था से चलेगा?
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले का जिक्र करते हुए हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि कोर्ट का आदेश 1991 के फैसले का उल्लंघन है. फैसले के खिलाफ मस्जिद की कमेटी और पर्सनल लॉ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. गर्मियों की छुट्टी से पहले ही तुरंत जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के सामने मामले को रखा जाएगा.
गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने और परिसर में स्थित विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा का आदेश देने के आग्रह संबंधी याचिका दाखिल की थी. इस पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराकर 10 मई तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. अदालत ने इसके लिए अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था.
सर्वे करने पहुंचे कोर्ट कमिश्नर और वादी पक्ष का मुस्लिम पक्ष ने विरोध कर दिया था. 9 मई को मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और उन्हें हटाने की मांग भी की. इसी को लेकर कोर्ट में तीन दिन बहस चली और फिर वाराणसी की एक अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने संबंधी अर्जी को नामंजूर कर दिया. साथ ही विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी.
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