Election Results 2023: '...इस हार का ठीकरा किसके सिर फोड़ेगी?', पूर्वोत्तर में कांग्रेस के शर्मनाक प्रदर्शन पर ओवैसी का तंज
Asaduddin Owaisi: कांग्रेस को पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में सिर्फ में 8 सीटें मिली हैं. पार्टी का इस तरह का प्रदर्शन 'भारत जोड़ो यात्रा' के बाद देखने को मिला है.
Asaduddin Owaisi On Congress: पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में कांग्रेस को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी. तीनों राज्यों में बीजेपी गठबंधन सरकार की वापसी हुई है. तीनों राज्यों के चुनाव नतीजे ऐसे समय आए हैं जब 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश चरम पर है. ऐसे में कांग्रेस के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है. इस बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है.
कांग्रेस के प्रदर्शन पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा, "अमेठी की तरह, नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में भी AIMIM चुनाव नहीं लड़ी, कांग्रेस अब अपनी इस हार का ठीकरा किसके सिर फोड़ेगी?" बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने पिछले साल हुए गुजरात चुनाव में हार का पूरा ठीकरा ओवैसी पर फोड़ दिया था. इसी कारण ओवैसी ने कांग्रेस पर हमला किया है.
अमेठी की तरह, नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में भी AIMIM चुनाव नहीं लड़ी, कांग्रेस अब अपनी इस हार का ठीकरा किसके सर फोड़ेगी?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 4, 2023
कांग्रेस का एक और प्रयोग फेल
2014 के बाद से कांग्रेस पार्टी लगातार नए-नए प्रयोग कर रही है. 2017 में पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन किया था, वह नाकाम साबित हुआ था. अब कांग्रेस ने त्रिपुरा में वाम दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का प्रयोग किया, लेकिन ये प्रयोग भी विफल रहा. त्रिपुरा में कांग्रेस ने 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और लेफ्ट से गठबंधन भी था. इसके बाद भी पार्टी को सिर्फ 3 सीटें मिलीं. पूर्वोत्तर में कांग्रेस को चुनावी सफलता की उम्मीदों को बड़ा झटका इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कुछ सप्ताह पहले ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पूरी हुई है.
तीन राज्यों में महज 8 सीटें जीतीं
कांग्रेस पार्टी ने पूर्वोत्तर के इन तीनों राज्यों में महज 8 विधानसभा सीटें ही जीती हैं. इसमें त्रिपुरा में 3 सीटें, जिसमें लेफ्ट के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फायदा मिला है. मेघालय में पार्टी के हिस्से में सिर्फ 5 सीटें आईं. जबकि पिछले चुनाव में उसने 21 सीटें जीती थीं. वहीं नगालैंड में एक बार फिर से खाता नहीं खुल सका. पिछले चुनाव में भी कांग्रेस को यहां कोई सफलता हासिल नहीं हुई थी. वहीं इन नतीजों ने बीजेपी के हौसले को बुलंद कर दिया है.
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