KCR Anounces Free Power To Muslims: लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ वोट करने वाले एआईएमआईएम मुखिया सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को धन्यवाद दिया है. इसकी वजह ये है कि राज्य सरकार ने सूबे के मुस्लिम धोबियों को फ्री बिजली देने का ऐलान किया है. इसके लिए तेलंगाना सरकार का सर्कुलर जारी हुआ है. ओवैसी ने दावा किया कि उन्हीं की मांग करने के बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है.


ओवैसी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सर्कुलर की कॉपी को शेयर करते हुए लिखा, "तेलंगाना के मुख्यमंत्री का धन्यवाद. राज्य में रहने वाले मुस्लिम धोबी और कपड़े धोने वालों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करवाने का फैसला सराहनीय है. पहले यह केवल बीसी (बैकवार्ड क्लास) समुदाय के धोबियों तक ही सीमित था. मेरे प्रतिनिधित्व पर इसे मुस्लिम धोबियों तक के लिए भी लागू कर दिया गया."


आपको बता दें कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं की एक तिहाई भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक दिन पहले बुधवार (20 सितंबर) को संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश हुआ था. वहां मौजूद 256 सांसदों में से 254 ने इसके पक्ष में वोटिंग की थी. लेकिन केवल ओवैसी और उनकी पार्टी के एक और सांसद इम्तियाज जलील ने महिला आरक्षण बिल के खिलाफ वोटिंग की. उनका कहना था कि इस विधेयक में मुस्लिम महिलाओं का आरक्षण भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए.


क्या है तेलंगाना सरकार का सर्कुलर
इस साल नवंबर-दिसंबर के बीच तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होना है. इससे पहले बड़ा दांव चलते हुए सूबे के मुख्यमंत्री केसीआर सरकार ने मुस्लिम समुदाय के जो लोग भी लॉन्ड्री चलाते हैं या धोबी घाट पर कपड़े धोते हैं, उन्हें हर महीने 250 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की है. बुधवार (20 सितंबर) को ही सर्कुलर जारी किया गया है. पहले यह लाभ केवल पिछड़े वर्ग के धोबियों को दिया जाता था. उनके लिए यह योजना वर्ष 2021 से ही लागू थी.


अल्पसंख्यक वोट बैंक को लुभाने में जुटी पार्टियां


वहीं कांग्रेस ने भी यहां सरकार बनने पर 200 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा गृह ज्योति योजना के तहत किया है. तेलंगाना के साथ मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी चुनाव होना है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन पांच राज्यों के चुनाव संसदीय चुनाव के लिए लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है. यहां सभी पार्टियां मतदाताओं को लुभाने की कवायद में जुटी हुई हैं.


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