Asaduddin Owaisi Ayodhya Visit: अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे ओवैसी की इस नाम से दूरी, ये कैसी मजबूरी?
यूपी चुनाव को लेकर अगले हफ़्ते ओवैसी अयोध्या का दौरा कर रहे हैं. शुरूआत अयोध्या से हो रही है लेकिन ओवैसी अयोध्या का नाम लेने से बचते दिखाई दिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने भारत और तालिबान के रिश्ते को लेकर मोदी सरकार के लिए कहा था कि, "पास आते भी नहीं, चिलमन से हटते भी नहीं, पर्दे से झांक झांक कर क्यों मोहब्बत कर रहे हैं." वहीं अब उनके अयोध्या दौरे को लेकर सवाल हुए तो वो खुद वहीं करते हुए दिखाई दिए हैं.
यूपी चुनाव को लेकर अगले हफ़्ते ओवैसी राज्य का दौरा कर रहे हैं. शुरूआत अयोध्या से हो रही है लेकिन ओवैसी अयोध्या का नाम लेने से बचते दिखाई दिए. ऐसा इसलिए कि अयोध्या और राम मंदिर की राजनीति तो बीजेपी के नाम है. इसीलिए उन्होंने कहा कि, "मैं फ़ैज़ाबाद के रूदौली इलाक़े में जा रहा हूं, जहां जनता से मिलूंगा. अपनी पार्टी एआईएमआईएम को मज़बूत करूंगा. अपने लोगों को चुनाव जीता कर विधायक बनाऊंगा और योगी की हुकूमत को हटाऊंगा."
अयोध्या अब एक ब्रांड बन गया है
ओवैसी अयोध्या के नाम से बचने के लिए सच को गोल कर गए. वो सच तो यही है कि योगी सरकार ने नवंबर 2018 में ही फ़ैज़ाबाद ज़िले का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया. तो इस लिहाज़ से इस बार उनके चुनावी दौरे की शुरूआत अयोध्या से हो रही है. फ़ैज़ाबाद नाम तो अब अतीत बन गया है. पिछले तीस पैंतीस सालों से बीजेपी की राजनीति अयोध्या और वहां के राम मंदिर के आस पास ही केंद्रित रही है. अगले साल होने वाले यूपी चुनाव में अयोध्या अब एक ब्रांड बन गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ तो हर दो तीन महीने पर किसी न किसी बहाने राम लला के दर्शन के लिए पहुंच जाते हैं. वहीं इस बार तो बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र भी ब्राह्मण सम्मेलन शुरू करने से पहले अयोध्या पहुंच गए.
चर्चा तो योगी आदित्यनाथ के भी अयोध्या से ही चुनाव लड़ने की है. जहां पिछले साल 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया था. अब उसी अयोध्या की धरती पर असदुद्दीन ओवैसी पहुंच रहे हैं. इसीलिए तरह के सवाल उठ रहे हैं. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि अयोध्या में बीजेपी और संघ परिवार ने मिल कर मस्जिद शहीद कर दी थी. उनका कहना है कि अगर मस्जिद शहीद नहीं होती तो शायद सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला कुछ और होता.
बीजेपी मुसलमानों को तालिबानी बताती रहेगी
तालिबान पर मोदी सरकार के स्टैंड को लेकर वे लगातार हमले कर रहे हैं. उनका आरोप है कि यूपी चुनाव तक ऐसे ही कन्फ़्यूज़न बना रहेगा जिससे बीजेपी मुसलमानों को तालिबानी बताती रहेगी और नफ़रत की राजनीति को हवा देती रहेगी. इसी हवा से बीजेपी अपने पक्ष में चुनावी हवा बनाना चाहती है.
असदुद्दीन ओवैसी इस बार यूपी में ओम प्रकाश राजभर और ऐसे ही कुछ नेताओं के साथ चुनावी गठबंधन करना चाहते हैं. इन सबने मिल कर भागीदारी संकल्प मोर्चा बना रखा है. ओवैसी की तैयारी कम से कम सौ सीटों पर चुनाव लड़ने की है. 7 अगसत को वे अयोध्या में, 8 तारीख़ को सुल्तानपुर और 9 अगस्त को बाराबंकी में वंचित शोषित समाज सम्मेलन कर रहे हैं. इस बार कुछ दूसरी पार्टियों से नेता भी ओवैसी की पार्टी में शामिल होने वाले हैं.
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