Sunehri Masjid News: सुनहरी मस्जिद को गिराए जाने के प्रस्ताव पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान, साफ किया अपना रुख
Asaduddin Owaisi Letter To NDMC: असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली की सुनहरी मस्जिद को हटाने के एनडीएमसी के प्रस्ताव को वापस लिए जाने की मांग की है.
Asaduddin Owaisi On Sunehri Masjid: एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) कार्यालय को एक पत्र लिखकर सुनहरी मस्जिद को हटाने का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि मस्जिद हटाने के प्रस्ताव को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.
ओवैसी ने अपने पत्र में लिखा, ''मैं आपको सुनहरी बाग स्थित सुनहरी मस्जिद को हटाने के प्रस्ताव का विरोध करने के लिए लिख रहा हूं. यह पहले ही नोट किया जा चुका है कि उक्त मस्जिद नई दिल्ली और एनडीएमसी की स्थापना से पहले की है और इसे नए शहर की योजना बनाते समय जानबूझकर शामिल किया गया था. इसके अलावा, इसका ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व अनूठा है. इसका प्रस्तावित निष्कासन भारत की विरासत के लिए एक अपूरणीय क्षति होगी.''
Wrote to @tweetndmc opposing the removal of #SunehriMasjid. The proposal must be withdrawn immediately pic.twitter.com/rhJ02JGHor
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 28, 2023
सुनहरी मस्जिद को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने और क्या लिखा?
ओवैसी ने पत्र में लिखा, ''मस्जिद वक्फ संपत्ति है. ऐसे में इसे महज हेरिटेज कमेटी के फैसले से नहीं हटाया जा सकता. वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत वक्फ संपत्तियों को बेचा, पट्टे पर या अलग नहीं किया जा सकता है.'' उन्होंने लिखा, ''सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एनडीएमसी अधिनियम, 1994 की जिन धाराओं का सार्वजनिक नोटिस में उल्लेख किया गया था, वे मौजूदा मुद्दे के लिए अप्रासंगिक हैं.''
पत्र में लिखा गया, ''धारा 202 और 207 में सार्वजनिक सड़कों को एनडीएमसी में निहित करने और ऐसी सार्वजनिक सड़कों पर यातायात को रेगुलेट करने की शक्ति का उल्लेख है. इसी प्रकार, धारा 11(एन) और 11(पी) सार्वजनिक सड़कों को बनाए रखने और ऐसी सड़कों से अवरोधों को हटाने के लिए परिषद के कर्तव्य का उल्लेख करती हैं.''
'यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि आश्चर्यजनक भी'
एआईएमआईएम प्रमुख ने पत्र में लिखा, ''यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि आश्चर्यजनक भी है कि परिषद सोचती है कि एक मस्जिद जो पिछले 200 वर्षों से है वह एक रुकावट है. यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि परिषद ने कैपिटल सिटी की विरासत और सुंदरता को संरक्षित करने के अपने कर्तव्य की अनदेखी की है.''
उन्होंने लिखा, ''एक विरासत स्थल, जो पूजा स्थल भी है, उसे हटाने का चयन करके एनडीएमसी अनुच्छेद 25 के तहत मुसलमानों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन कर रही है. यह अनुच्छेद 29 के तहत नागरिकों के अपनी संस्कृति के संरक्षण और सुरक्षा के सामूहिक अधिकार का भी उल्लंघन कर रहा है.
एनडीएमसी को मिले 2,000 से ज्यादा सुझाव
एनडीएमसी ने एक जनवरी तक लोगों से सुनहरी मस्जिद को गिराए जाने के संबंध में प्रतिक्रिया और सुझाव मांगे थे. बुधवार (27 दिसंबर) को एनडीएमसी ने मीडिया को बताया कि इस संबंध में 2,000 से ज्यादा टिप्पणियां और सुझाव मिले हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनडीएमसी के सूत्रों ने कहा, ‘‘हमें ई-मेल पर 2,000 से ज्यादा सुझाव मिले हैं. ये सुझाव मुस्लिम संगठनों और अल्पसंख्यक कल्याण निकायों से प्राप्त हुए हैं.’’
एनडीएमसी अध्यक्ष अमित यादव ने कहा कि उन्हें इलाके के आसपास ट्रैफिक जाम की शिकायत पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस से एक अनुरोध मिला था. उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस मामले पर जनता से प्रतिक्रिया मांगी है और उचित प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं. जनता के सुझावों पर गौर किया जाएगा और विरासत समिति भी इस पर विचार करेगी.’’
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