जोधपुर: अपनी नाबालिग शिष्या से रेप के मामले में जोधपुर की विशेष अदालत ने विवादास्पद धर्मगुरु आसाराम को  उम्रकैद की सजा दी है. जोधपुर सेंट्रल जेल में सजी अदालत में जैसे ही जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम के लिए कैद-ए-बामुशक्कत की सजा का एलान किया,  इसके बाद आसाराम ने सिर पकड़ लिया, बिल्कुल टूट गया और बिलख बिलखकर जोर-जोर से रोने लगा.


पीड़ित के परिजानों और पक्ष-विपक्ष के वकीलों से भरी अदालत में जज ने आजीवन कारावास का फैसला सुनाते हुए ये भी कहा कि आसाराम अंतिम सांस तक जेल की सलाखों में रहना होगा. जज ने इतना सख्त फैसला तब दिया, जब आसाराम के वकीलों ने अपने मुवक्किल के लिए रहम की अपील की थी. कम से कम सजा की मांग की थी. खास बात ये है जब आज सुबह जब अदालत ने आसाराम को दोषी करार दिया. तब उसने बड़े ही नाटकीय ढ़ंग से हरिओम हरिओम का जाप करने लगा.


 क्या था ये पूरा मामला जिसमें मिली आसाराम को उम्रकैद

चार साल से जेल में बंद आसाराम पर उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर की रहने वाली एक नाबालिग ने रेप का आरोप लगाया . नाबालिग की शिकायत के मुताबिक, वह आसाराम के छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) स्थित आश्रम में पढ़ती थी. जहां से आसाराम ने उन्हें जोधपुर के नजदीक मनानी बुलाया और उनके साथ 15 अगस्त 2013 को रेप किया. हालांकि आसाराम ने सभी आरोपों से इनकार किया है.

आसाराम को 1 सितंबर 2013 को इंदौर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जोधपुर लाया गया था. उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में हैं. 6 नवंबर 2013 को पुलिस ने आसाराम और उनके चार सहयोगियों शिवा, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ चार्जशीट (आरोपपत्र) दाखिल किया था. आसाराम के खिलाफ पॉस्को एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और आईपीसी की कई अन्य धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं.

अगर असल मामले में दोषी ठहराए जाने पर कम से कम 10 साल जेल या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी. आज ये फैसला आ गया.