नई दिल्लीः नाबालिग से रेप के मामले में स्वंयभू धर्मगुरु आसाराम को जोधपुर की एससी/एसटी कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. इस मामले में जज मधुसूदन शर्मा आज ही सजा भी सुना सकते हैं. आसाराम पर पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट के तहत मुकदमा चला गया. पीड़िता के वकील ने आसाराम को सख्त से सख्त सजा की मांग की है. कोर्ट के इस फैसले पर पीड़िता के परिवार वालों ने खुशी जाहिर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है.


पीड़िता के पिता ने कहा-फैसले का स्वागत है
आसाराम को कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जाने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा, ''हम फैसले का स्वागत करते हैं और मीडिया ने हमारा साथ दिया है. आसाराम को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. इसने कई गवाहों को मरवाया, गायब करवा दिया. मुझे उम्मीद है इसे कड़ी सजा मिलेगी. हम अपने घर से बाहर नहीं निकले हैं. पुलिस का सख्त पहरा है. आज बाहर निकल पाया हूं. मैं बता नहीं सकता इस केस के दौरान हमें कितनी परेशानियां झेलनी पड़ीं.''

आसाराम पर क्या था आरोप और पूरा मामला
आसाराम पर यूपी के शाहजहांपुर की रहने वाली नाबालिग लड़की से यौन शोषण का आरोप था. पीड़ित लड़की एमपी के छिंदवाड़ा में आसाराम के स्कूल में पढ़ती थी. लड़की की तबीयत खराब होने पर वॉर्डन ने आसाराम से मिलने को कहा था. पीड़ित लड़की का परिवार इलाज के लिए उसे जोधपुर के मड़ाई आश्रम ले गया था. जोधपुर के मड़ाई आश्रम में लड़की ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. 15 अगस्त 2013 को नाबालिग लड़की ने यौन शोषण का आरोप लगाया.

31 अगस्त 2013 को इंदौर से आसाराम गिरफ्तार हुआ तब से जोधपुर वो जेल में बंद है. लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट राम जेठमलानी, सुब्रहमण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद सहित देश के कई जानेमाने वकील जमानत अर्जी पर पैरवी कर चुके हैं लेकिन 12 बार अर्जी खारिज हो चुकी है.