जयपुरः नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम और उसके भक्तों को अब आश्रम में होने वाले धार्मिक आयोजन में कम होते भक्तों की चिंता सताने लगी हैं. होली का त्योहार नजदीक है और आसाराम ने जोधपुर की जेल से अपना एक ऑडियो जारी करके अपने होली के सत्संग कार्यक्रमों का ब्यौरा जारी किया हैं. करीब चार मिनट पचास सेकेंड के इस संदेश में आसाराम ने अपने भक्तों को पलाश के फूलों से होली खेलने की अपील की है.


बता दें कि आसाराम के आश्रमों में होली उत्सव कम हो रहा हैं. ऐसे में इसे कैसे बढ़ाया जाए, इसे लेकर आसाराम ने एक ऑडियो मैसेज के जरिए अपने भक्तों तक जेल के अंदर से अपनी आवाज पहुंचाई है. आसाराम ने होली के अवसर पर देश भर के अपने आश्रमों में होने वाले करीब आधा दर्जन सत्संग कार्यक्रमों का शहर सहित जिक्र किया है.


आसाराम ने बताया है कि केमिकल के रंगों से होली खेलने से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. आसाराम ने अपने ऑडियो मैसेज में यह बताया कि नीम की निंबोली को मिश्री के साथ मिश्रित कर चबाकर खाने से किसी भी तरह की बीमारी आपको नहीं लगेगी. उनका कहना है कि ऐसा करने से कोरोना वायरस से भी दूर रहा जा सकता है.


आसाराम बीते सात सालों से जेल में बंद हैं. सामने आए इस ऑडियो से लगता है कि उसकी सत्संग सम्बोधन की आदत अभी तक नहीं गई है. इसलिए आसाराम ने होली खेलने और खिलाने वालों को भी अपनी ओर से संदेश दिया है कि केमिकल के रंगों से होली नहीं खेले. उनका कहना है कि कृत्रिम और रासायनिक रंगों से होली खेलने से गंभीर बीमारियां होती हैं. इसलिए फूलों की होली खेलें और खासतौर से पलाश के फूलों की होली खेलें जिससे 140 तरह की बीमारियां दूर होती हैं.

असम: उमानंद द्वीप के इकलौते गोल्डन लंगूर की मौत, अकेलेपन और डिप्रेशन से था ग्रस्त


दिल्ली: पूरे दक्षिण एशिया की निगहबानी के लिए भारत की पहली सेटेलाइट तैयार