मायलॉर्ड सुनिए तो... काम नहीं आई SG तुषार मेहता की एक भी दलील, आसाराम की याचिका पर सुनवाई के दौरान SC में क्या-क्या हुआ?
एसजी तुषार मेहता ने आसाराम बापू की सजा की गंभीरता पर जोर दिया और कहा कि उन्हें ट्रीटमेंट तो जेल में भी दिया जा सकता है. वहीं, एडवोकेट देवदत्त कामत ने जेल के बाहर मेडिकल ट्रीटमेंट की मांग की.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (7 जनवरी, 2025) को रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को बेल दे दी है. मेडिकल ग्राउंड पर कोर्ट ने उन्हें करीब तीन महीनों के लिए सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है. वह जेल से बाहर तो जाएंगे, लेकिन उन्हें अपने अनुयायियों से मिलने की इजाजत नहीं होगी और जब भी वह ट्रीटमेंट के लिए जाएंगे तो पुलिसकर्मी उनके साथ रहेंगे. आज सुनवाई के दौरान आसाराम बापू के वकीलों ने बेल के लिए दलीलें दीं और सजा पर भी सवाल उठाए.
उन्होंने कहा कि सिर्फ अभियोजन पक्ष की गवाही पर उन्हें दोषी ठहरा दिया गया. हालांकि, कोर्ट ने उनकी इस दलील पर गौर नहीं किया और सिर्फ मेडिकल ग्राउंड पर बेल दे दी. उधर, गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेल का विरोध किया, लेकिन उनकी दलीलें काम नहीं कर सकीं.
जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी. आसाराम की उम्र 86 साल है और 2023 में गुजरात की सेशन कोर्ट ने उन्हें अहमदाबाद आश्रम में महिला शिष्या के साथ बार-बार दुष्कर्म का दोषी पाया था. कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सुनवाई के दौरान आसाराम की ओर से सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत ने पक्ष रखा, जबकि गुजरात सरकार की तरफ से एसजी तुषार मेहता पेश हुए थे.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार एडवोकेट देवदत्त कामत ने बेल के लिए दलील दी कि आसाराम को हार्ट अटैक आ चुके हैं और उम्र के चलते उन्हें कई और दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए उन्हें जेल के बाहर मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत है. वरना उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है. एसजी तुषार मेहता ने आसाराम की जमानत याचिका का विरोध किया और आसाराम की सजा की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि जेल में भी उनके लिए पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां उनको ट्रीटमेंट मिल सकता है. हालांकि, एसजी तुषार मेहता की ये दलील काम नहीं आईं और कोर्ट ने आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दे दी.
एडवोकेट देवदत्त कामत ने आसाराम की सजा को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे. सिर्फ अभियोजक पक्ष की गवाही पर उन्हें दोषी करार दे दिया गया. हालांकि, देवदत्त कामत की इन दलीलों पर कोर्ट ने गौर नहीं किया. आसाराम बापू को 2023 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इससे पहले एक और रेप केस में वह उम्रकैद की सजा काट रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने यह जमानत सूरत रेप केस में दी है. जोधपुर रेप केस में उन्हें हाई कोर्ट से जमानत लेनी होगी.
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