नई दिल्ली: आसाराम बापू के खिलाफ रेप का आरोप लगने के करीब पांच साल बाद जोधपुर की एक अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है. इस फैसले से खुश पीड़िता के परिजनों ने आसाराम के लिए अधिक से अधिक सजा की मांग की है. उन्होंने कहा, ''इसने कई गवाहों को मरवाया, गायब करवा दिया. मुझे उम्मीद है इसे कड़ी सजा मिलेगी. हम अपने घर से बाहर नहीं निकले हैं. पुलिस का सख्त पहरा है. आज बाहर निकल पाया हूं. मैं बता नहीं सकता इस केस के दौरान हमें कितनी परेशानियां झेलनी पड़ीं.''


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नाबालिग के मुताबिक, आसाराम ने उसे मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आश्रम से बुलाकर जोधपुर में 15 अगस्त 2013 को रेप किया. पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था, ''मैं आसाराम की ओर से संचालित गुरुकुल में पढ़ती थी. मुझे दौरे पड़ते थे. गुरुकुल की एक शिक्षिका ने मेरे माता-पिता को बुलाकर मेरा इलाज आसाराम से कराने को कहा. इसके बाद मेरे माता-पिता ने आसाराम से मिलने का कई बार प्रयास किया. आखिरकार उन्होंने मुझे जोधपुर लागने को कहा. जोधपुर के निकट मणाई गांव स्थित एक फार्म हाउस में मुझे बुलाया गया.''


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पीड़िता ने आगे कहा, ''मेरे माता-पिता को बाहर रोक दिया गया. उनसे कहा गया कि आसाराम विशेष तरीके से मेरा अकेले में इलाज करेंगे. साल 2013 को स्वतंत्रता दिवस पर राज 10 बजे मुजे एक कमरे में भेज दिया गया. वहां पर आसाराम पहले से उपस्थित थे. कमरे में आसाराम ने अपने हाथों से मेरे शरीर पर पहने ऊपर के कपड़े उतार दिये और फिर मेरे अंगों को सहलाते रहे और मुझे ओरल सेक्स करने को कहा था, लेकिन मैंने मना कर दिया. साथ ही धमकी भी दी कि अगर वो चिल्लाई तो कमरे के बाहर बैठे उसके माता-पिता को मार दिया जाएगा. मेरे साथ रेप तो नहीं हुआ लेकिन यौन उत्पीड़न हुआ.''


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इसी शिकायत के बाद आज स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 और अपराध बाल संरक्षण एक्ट (पॉस्को) के तहत दोषी ठहराया गया. अब उसे 10 साल तक कैद हो सकती है. फिलहाल आसाराम जोधपुर की जेल में पिछले चार साल से बंद हैं.