जोधपुर: अपनी नाबालिग शिष्या से रेप के आरोपी विवादास्पद धर्मगुरू आसाराम केस की सुनवाई के लिए राजस्थान के सेंट्रल जेल में ही अदालत लगाई गई. सुबह-सुबह वक्त से काफी पहले ही अदालत के जज मधुसूदन शर्मा जेल पहुंच गए. करीब 10 बजे अदालत की कार्यवाही शुरू हुई और ढाई बजते बजते तक आसराम विचाराधीन कैदी से सजायाफ्ता कैदी बन गया.


जेल के बाहर मीडिया के कैमरों की भरमार थी. हर कोई ये जानना चाह रहा था कि आखिर इस ढ़ोंगी बाबा को कितनी साल की सजा मिलती है. लोगों की अपनी अपनी राय थी. पक्ष-विपक्ष में जितनी मुंह उतनी बातें थीं. लेकिन हर कोई इंसाफ चाह रहा था और आखिरकार जज ने अपना फैसला सुना दिया.


अदालत में आसाराम के वकीलों ने अपने मुवक्किल के लिए कम से कम सजा की अपील की, उनके बढ़ती उम्र का हवाला दिया, लेकिन जज ने एक न सुनी. जज साहेब का साफ कहना था कि आसाराम ने घिनौना अपराध किया है. और इस तरह अदालत ने 77 वर्षीय आसाराम को सबसे सख्त सजा का एलान किया. उन्होंने ताउम्र कैद-ए-बामुशक्कत सजा का एलान किया.


अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरद को भी दोषी करार दिया गया और अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया. शिल्पी और शरद को 20-20 साल जेल की सजा सुनाई गई है.


पीड़िता का परिवार खुश
कोर्ट में आसाराम का दोष सिद्ध होने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा, ''हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमें खुशी है कि न्याय मिला.' अदालत के फैसले से पहले शाहजहांपुर में पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था, इसके अलावा पीड़िता के घर पर पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर सुमित शुक्ला समेत भारी फोर्स तैनात की गई थी.


रो पड़ा आसाराम
आसाराम को सजा सुनाए जाने के लिए जोधपुर जेल में ही कोर्ट बनाया गया था. जहां ताउम्र कैद की सजा सुनते ही आसाराम फफक-फफक कर रो पड़ा. वहीं आसाराम के वकील ने कहा है कि वह सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. उन्होंने कहा कि निचली अदालत के फैसले की कॉपी पढ़ने के बाद आगे कोई प्रतिक्रिया देंगे.


आसाराम समर्थकों पर कड़ी नजर
आसाराम पर फैसले के मद्देनजर जोधपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी है. पूरे शहर में धारा 144 लागू है. इससे पहले कानून-व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर केन्द्र ने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों से सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा था. तीनों राज्यों में आसाराम के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं.


पीएम मोदी-आसाराम की दोस्ती पर कांग्रेस का हमला, पुराना वीडियो ट्वीट कर कसा तंज़


केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह परामर्श डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पिछले साल अगस्त में बलात्कार के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर भेजा गया था. उस समय हुई हिंसा में 13 लोग मारे गए थे.


2013 में गिरफ्तार हुआ था आसाराम
आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह जेल में बंद है. नाबालिग ने अपनी शिकायत में कहा था कि आसाराम ने उसे मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आश्रम से बुलाकर जोधपुर में 15 अगस्त 2013 को रेप किया.


'काला जादू' करने वाले चौथी पास आसाराम के पास है 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति


आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था. आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया.